शराब खरीद कर सरकार को रेवेन्यू देने वाला व्यक्ति अपराधी कैसे :एड अरुण भदोरिया
शराब खरीद कर सरकार को रेवेन्यू देने वाला व्यक्ति अपराधी कैसे :एड अरुण भदोरिया
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आकाश पंवार
हरिद्वार।हरिद्वार के एडवोकेट अरुण भदोरिया ने मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को एक पत्र लिखकर उनका ध्यान आकर्षित किया है कि शराब के प्रत्येक ठेके के बाहर लिखा हुआ होता है कि शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और उसी शराब को बेचने के लिए राज्य सरकार ने जगह-जगह दुकानें खुली हुई है और लोग देर रात तक दिन में मजदूरी आदि करने के बाद स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने के बावजूद उसे पीता है और राज्य सरकार भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने के बावजूद जानते हुए उस शराब को बिकवाने के लिए प्रत्येक जनपद में सरकारी ठेके छुड़वाती है और उन ठेकेदारों से राज्य सरकार अपने काम के लिए रेवेन्यू प्राप्त करती है और जो मजदूर व्यक्ति है वह इमानदारी से राज्य सरकार द्वारा दिखाई जा रही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक शराब को ,शराब के ठेके से खरीदा है और राज्य सरकार को रेवेन्यू देता है और दूसरी तरफ सरकार की पुलिस ही किसी ना किसी बहाने उसी व्यक्ति को शराब के मुकदमे में धारा 60 एक्साइज एक्ट में बंद करके जेल भेज देती है फिर वह व्यक्ति न्यायालय में जाता है वकील करता है मुकदमा लड़ता है बरी हो जाता है या जुर्माना हो जाता है या सजा होकर भी चला जाता है अब जिस व्यक्ति ने शराब खरीदी और वह शराब उसने अपने पैसे से खरीदी, राज्य सरकार को उसने रेवेन्यू दिया और सभी प्रमुख सचिव, राज्य के पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में होने के बावजूद शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है फिर भी बिक्री की जा रही है ,कोई रोक नहीं लगाई जा रही है रेवेन्यू देने वाला व्यक्ति ही अपराधी बन गया ।इस संबंध में अरुण भदोरिया एडवोकेट ने कुछ सुझाव भी दिए हैं कि पुलिस विभाग से संबंधित एक शराब का विभाग है आबकारी पुलिस विभाग में 60 एक्साइज एक्ट में मुकदमा दर्ज करता है और इसी धारा में आबकारी विभाग भी मुकदमा दर्ज करता है तो पुलिस विभाग से यह विभाग आबकारी विभाग को स्थाई रूप से दे दिया जाए या आबकारी विभाग को समाप्त कर दिया जाए ।बिना वजह वहां के कर्मचारियों और अधिकारियों को राज्य सरकार तनखा दे रही है ,और शराब के ठेके पर जो यह शब्द लिखा हुआ है कि शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है इस शब्द को हटाए जाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जाने के लिए लिखा गया है ।इसके अलावा शराब को अपराध की जननी बताया गया और यह भी कहा गया कि राज्य सरकार प्रत्येक प्रकार का नशा इसमें चरस गांजा पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हो और जब भी ऐसी इसमें कोई पुलिस की कार्रवाई होती है तो उसकी पूरी जांच होनी चाहिए यह शराब कहां बनी ,कहां से आई ,कौन लेकर आया और किसने कहां बेची। इस समस्त के लिए कार्रवाई हो, इसको करने में कौन-कौन सहयोगी है और किस-किस ने हफ्ता बांध रखा है और किस-किस ने महीना बांध रखा है सब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए यह भी मानना है कि उत्तराखंड से नशे का कारोबार हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा क्योंकि राज्य सरकार भी और उत्तराखंड पुलिस के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार अपने समस्त अधिकारियों के साथ नशे के विरुद्ध अभियान चलाए हुए हैं जिसमें काफी हद तक सफल होना भी पत्र में मुख्यमंत्री उत्तराखंड को बताया गया है और इस संबंध में अरुण भदोरिया एडवोकेट द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र भेज दिया गया है और मुख्यता यही है कि जो सरकार को रेवेन्यू दे रहा है वह अपराधी व्यक्ति कैसे हो गया उसे कोर्ट में दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है इस और भी सरकार को ध्यान देना चाहिए