युवा जागृति शक्ति संगठन ने भव्य काव्य संध्या 'एक शाम भारतीय गणतन्त्र के नाम' का किया आयोजन
युवा जागृति शक्ति संगठन ने भव्य काव्य संध्या 'एक शाम भारतीय गणतन्त्र के नाम' का किया आयोजन
'आ जाओ परमाणु ले कर, अब कर तुम लो सीधी बातें'
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
मनीषा सूरी /पीयूष सूरी
हरिद्वार। भारत के 74वें गणतन्त्र दिवस की पूर्व संध्या पर युवा जागृति शक्ति संगठन ने हरिद्वार प्रेस क्लब के सभागार में एक भव्य काव्य संध्या 'एक शाम भारतीय गणतन्त्र के नाम' का आयोजन किया, जिसमें नगर के अनेक वरिष्ठ कवियों ने अपने-अपने कविताओं व गीतों के माध्यम से भारत के उन वीर सपूतों को याद किया, जि उनके बलिदानों को आज हम आज़ादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। काव्य संध्या का आरम्भ माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन व पुष्पार्चन के उपरांत नवोदित कवयित्री श्रीमती कंचन प्रभा गौतम की वाणी वंदना 'कंठ में मेरे जो भी स्वर है, वो तेरा ही है वरदान' के साथ हुआ। इसके पश्चात कवि सुभाष मलिक ने भारत के वीरों को याद करते हुए 'जिनके सारे काज पुनीत, उन्हें समर्पित मेरे गीत', अभिनन्दन 'अभिरस ने 'इतिहासों सबक लिया ना सत्ता के गलियारों ने, धरती लाल हुई कश्मीरी भारत माँ के लालों से' के साथ राजनीतिक तंज कसे तो चेतना पथ के सम्पादक अरुण कुमार पाठक ने 'गीदड़ भभकी और धमकियाँ, हो गयीं अब बीती बातें, आ जाओ परमाणु ले कर, अब कर तुम लो सीधी बातें' कह के भारत के दुश्मनों को सीधी-सीधी ललकार लगाई, तो श्रीमती कंचन प्रभा ने 'मेरे गीतों में मेरे भारत की ख़ुशबू बसती है, घायल होता दिल मेरा, मेरी आँख बरसती है' के साथ अपने राष्ट्रप्रेम को उजागर किया। डा. कल्पना कुशवाहा 'सुभाषिनी' भारत माँ की रक्षा की खातिर जिसने सब कुछ वारा है, ऐसे वीर जवानों को शत-शत नमन हमारा है। वरिष्ठ कवि अरुण कुमार पाठक ने इस काव्य संध्या का संचालन किया। देर शाम तक चले इस कार्यक्रम में लक्ष्मी विमला नेगी 'तलाश' ने 'रस्मों-रिवाजों से परे चलती हूँ मैं, माँ का सम्मान करती हूँ मैं' और एन.एस. नेगी ने देखा है मैंने कट्टे परिंदों को भी मंजिल पाते हुए', डा. सुशील कुमार त्यागी 'अमित' ने 'बढ़ते कदम रुकते नहीं, मर जाएँ, पर झुकते नहीं, महेंद्र माही ने 'पलकों ने तो छोड़ दिया था, मिट्टी में मिल जाना ही था', युवा जगृति शक्ति संगठन के संस्थापक तथा समाज सेवा और राजनीति के माडलिंग, फिल्म और टीवी धारावाहिकों कदम रख चुके अमन सिखोला ने 'जब तक सूरज चंदा चमके इस भारत का मान रहे' के साथ राष्ट्र गौरव के दर्शन करा कर काव्य जगत की भी ख़ूब तालियाँ बटोरी। वरिष्ठ कवि पं. ज्वाला प्रसाद शांडिल्य 'दिव्य' ने काव्य संध्या की अध्यक्षता करते हुए अपना छंद 'झूम उठी है मेदिनी, फूला हर श्रृंगार, तन-मन सुरभित होत है, मुदिता हुई अपार' सुना कर वसंत ऋतु के आगमन का स्वागत किया। इसके अतिरिक्त अंजली महेश्वरी, सोनिया चौहान, मिनी आदित्य पुरी, अनिल शर्मा, शुभम जैन, अनुभव, करन पंडित, डा. पवन पाण्डेय और विकास यादव ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि हरिद्वार की ड्रग इन्सपेक्टर श्रीमती अनीता भारती ने इस अवसर पर लोगों से नशा-मुक्त भारत का निर्माण करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि, "देश को राजनैतिक आजादी मिल गयी हैं, लेकिन, भारत के युवाओं कों नशा-मुक्त करना आज भी एक बहुत बड़ी चुनौती है। हम सबको इसके लिये एकजुट होना होगा।"