कौड़ी एवं गोमती चक्र क्या है, महत्व एवं लाभ*
*कौड़ी एवं गोमती चक्र क्या है, महत्व एवं लाभ*
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल । आज आपको कौड़ी व गोमती चक्र के महत्व के बिषय में विस्तार पूर्वक जानकारी दी जा रही है कौड़ियां मां लक्ष्मी का प्रतीक,कौड़ी अपनी एक खास पहचान रखती है,इनमें सफेद,भूरी और पीली तथा चितकबरी कौड़ियां भी आती हैं,इन्हें मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है,एवं गोमती चक्र समृद्धि, खुशी, अच्छा स्वास्थ्य, धन, मन की शांति और बुरे प्रभावों से बचाता है,रोग के इलाज़ में सहायता,अधिक चेतना, बेहतर भक्ति, समाज में प्रतिष्ठा, वित्तीय विकास, एकाग्रता, व्यापार वृद्धि और पूजा की शक्ति देने में बहुत सहायक है,गोमती चक्र गोमती नदी में पाए जाने वाले अल्पमौली चक्र होते हैं.आज आपको /ज्योतिषाचार्य अजय कृष्ण कोठारी/ कौड़ी एवं गोमती चक्र के विषय में यथासंभव जानकारी दे रहे हैं.
कौड़ी का महत्व - ज्योतिष शास्त्र में अनेक चीजों का प्रयोग किया जाता है,ऐसी ही एक चीज है कौड़ी,यह समुद्र से निकलती हैं और सजावट के काम भी आती है, धन प्राप्ति और दांपत्य जीवन के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है,धर्म ग्रंथों के अनुसार, लक्ष्मी समुद्र से उत्पन्न हुई हैं और कौड़ी भी समुद्र से ही निकलती है,इसलिए कौड़ी में धन को आकर्षित करने का स्वभाविक गुण होता है,यह विश्व की आदि मुद्रा है जिसे लक्ष्मी की बहन कहते हैं,भारत में 1930 से पूर्व मुद्रारूप में प्रचलन में थी। कौड़ी समुद्री कीड़े का अस्थिकोष है, इसे साइप्रिया या देवाधिदेव कहते हैं, इसकी आकृति शिव की जटाओं से मेल खाती है अतः इसे कपार्दिन भी कहते हैं. मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनके साथ 11 अभिमंत्रित कौड़ियों की पूजा की जाती है,अपने घर में सुख समृद्धि लाने के लिए अपने घर के मुख्यद्वार पर 11 कौड़ियों को लाल कपडे में बांध कर लटका दें,ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि तो आती ही है साथ ही आपके घर में कोई भी नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है.
कौड़ियों को विष्णु और लक्ष्मी मंत्रों से अभिमंत्रित करके पीले कपड़े में बांधा जाता है और बृहस्पतिवार को अपने घर के मंदिर में रोली टीके और चावल के साथ पूजा कर स्थापित कर दिया जाता है,यह दांपत्य जीवन के लिए बहुत अच्छी मानी जाती हैं इसे साल भर रखा जाता है और इसके बाद प्रवाह कर दिया जाता है.
शास्त्रों में गोमती चक्र को बहुत शुभ आध्यात्मिक शैल पत्थर एवं भगवान श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र का सूक्ष्म स्वरूप माना गया है,यह पवित्र गोमती नदी में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है,मान्यता है कि यह जिस घर में भी रहता है वहां सुख और समृद्धि बनी रहती है और उस घर में लक्ष्मीजी का वास रहता है.
गोमती चक्र से क्या लाभ होता है? गोमती चक्र समृद्धि, खुशी, अच्छा स्वास्थ्य, धन, मन की शांति और बुरे प्रभावों से बचाता है,रोग के इलाज़ में सहायता, अधिक चेतना, बेहतर भक्ति, समाज में प्रतिष्ठा, वित्तीय विकास, एकाग्रता, व्यापार वृद्धि और पूजा की शक्ति देने में बहुत सहायक है,गोमती चक्र गोमती नदी में पाए जाने वाले अल्पमौली चक्र होते हैं.
वैवाहिक महत्त्व - विवाह के अवसर पर भी कौड़ी को महत्वपूर्ण माना जाता है। वर-वधु के कंकण में कौड़ी बांधी जाती है। मंडप के नीचे जिस पट्टे पर वर-वधु बैठते हैं, उस पर भी कौड़ी बांधी जाती है। मंडप के नीचे कलश में अन्य वस्तुओं के अतिरिक्त कौड़ी भी डाली जाती है। देश के हर प्रान्त में कौड़ी का प्रयोग अलग-अलग तरीके से होता है। ओड़िशा में विवाह के अवसर पर वधु के माता-पिता वधु को एक टोकरी भेंट करते हैं, जिसे 'जगथी पेडी' कहा जाता है। इस टोकरी में रोजमर्रा के काम आने वाली हरे एक वास्तु होती है, जिसमें कौड़ी ज़रूर होती है। आंध्र प्रदेश में भी यही रिवाज है। वहाँ इस टोकरी को 'कविडा पेटटे' कहा जाता है.!.शुभ मंगलमय हो भगवान केदारनाथ प्रभो की कृपा बनी रहें। आचार्य अजय कृष्ण कोठारी श्रीमद्भागवत कथा वक्ता ज्योर्तिविद/ग्राम कोठियाडा़,पो.ओ-बरसीर, रुद्रप्रयाग {श्री कोटेश्वर शक्ति वैदिक भागवत पीठ एवं ज्योतिष संस्थान्}उत्तराखंड