ब्रह्मलीन साहब श्री हरीन्द्रानन्द जी की अस्थिया मां गंगा में हुई विसर्जित
ब्रह्मलीन साहब श्री हरीन्द्रानन्द जी की अस्थिया मां गंगा में हुई विसर्जित
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
प्रमोद गिरि
हरिद्वार।शिव शिष्य परिवार के संस्थापक साहब श्री हरीन्द्रानन्द जी की अस्थिया हजारों अनुयाइयों की उपस्थिति में हरिद्वार के चंडीघाट पुल के नीचे नमामी गंगे घाट पर मां गंगा में विसर्जित की गई।साहब श्री हरीन्द्रानन्द जी का निधन 4 सितम्बर 2022 को रांची में हो गया था। उनकी अस्थि कलश को लेकर उनके पुत्र अर्चित आनंद ,अभिनव आनन्द पुत्री अनुनिता पुत्रबधु बरखा सिन्हा ,निहारिका डॉ अमित कुमार हजारों अनुयाइयों के साथ तीर्थ नगरी हरिद्वार पहुंचे । शिव शिष्य परिवार के संस्थापक ब्रह्मलीन साहब श्री हरीन्द्रानन्द जी के नमामी गंगे घाट पर हजारों अनुयाइयों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। बताते चलें कि मूलतः बिहार के सिवान जिले के अमलोरी गांव के रहने वाले हरीन्द्रानन्द जी का जन्म 31 अक्टूबर 1948 को हुआ था। बचपन से अज्ञात को ज्ञात करने की चाहत ने उन्हें आध्यात्मिक अन्वेषण की ओर प्रवृत्त किया। लिहाजा नवंबर 1974 की एक रात आरा के गांगी श्मशान में उनके भीतर आत्मदीप्त चेतना जागृत हुई कि गुरु अगर परब्रह्म हैं तो परब्रह्म स्वयं गुरु क्यों नहीं ? उन्होंने तत्क्षण भगवान शिव को गुरु मान लिया और यहीं से चल पड़ी उनकी आध्यात्मिक यात्रा। आज उनसे मार्गदर्शन प्राप्त कर करोड़ों लोगों ने शिव की शिष्यता ग्रहण की और पाया कि सचमुच शिव नाम के ही नहीं काम के भी गुरु हैं।बिहार प्रशासनिक सेवा के संयुक्त सचिव के पद से अवकाश ग्रहण करने के बाद पूरी तरह से शिव शिष्यता का अलख जगाने के लिए समर्पित हो गए थे।अस्थि विसर्जन में उनके पुत्र अर्चित आनंद ,अभिनव आनन्द पुत्री अनुनिता पुत्रबधु बरखा सिन्हा ,निहारिका डॉ अमित कुमार एवं दिव्य प्रेम सेवा मिशन के प्रमुख डॉ आशीष गौतम ,संयोजक संजय चतुर्वेदी सहित हजारों की संख्या में शिव शिष्य एवम शिष्या उपस्थित थे।