अतिथि शिक्षकों को सरकार द्वारा दिया आश्वासन नही हुआ पूरा,आक्रोश में अतिथि शिक्षक,सड़को पर उतरने को होंगे मजबूर करेंगे
अतिथि शिक्षकों को सरकार द्वारा दिया आश्वासन नही हुआ पूरा,आक्रोश में अतिथि शिक्षक,सड़को पर उतरने को होंगे मजबूर करेंगे
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल ।माध्यमिक अतिथि शिक्षकों की सुरक्षित भविष्य को लेकर सरकार ने आश्वासन तो कई बार दिया किन्तु कार्यवाई कुछ नहीं हुई। जिससे अतिथि शिक्षकों में भारी रोष है। संघ के अध्यक्ष अभिषेक भट्ट ने कहा कि दिसम्बर में अतिथि शिक्षकों द्वारा ननुर खेड़ा शिक्षा निदेशालय में अनिश्चित कालीन धरना दिया गया था। मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री जी ने वार्ता के लिये बुलाया और आश्वासन दिया कि जल्दी ही उनके सुरक्षित भविष्य को लेकर फैसला लिया जाएगा धरना समाप्त करो। सरकार द्वारा मिले आश्वासन पर अतिथि शिक्षकों ने अपना धरना दिया और आंदोलन स्थगित कर दिया। इसके कुछ दिनों बाद शिक्षा मंत्री जी और मुख्यमंत्री जी से दोबारा मुलकात की गई और दोबारा शीघ्र पूर्व में दिए आश्वासन के अनुरूप शाश्नादेश जारी करने का आश्वासन दिया किन्तु एक माह से अधिक समय हो गया किन्तु अभी तक सरकार ने पिछले 8 साल से शिक्षण कार्य मे जुटे अतिथि शिक्षकों के सुरक्षित भविष्य के लिये कोई निर्णय नही लिया गया। जबकि अतिथि निदेशालय द्वारा इस सम्बंध में प्रस्ताव शासन को भेजा गया है जिस पर सरकार को निर्णय लेना है। किंतु दुर्भाग्य की बात है अतिथि शिक्षकों को आश्वासन के अलावा कुछ नही मिल रहा। महामंत्री दौलत जगूड़ी ने पहले से नियुक्त अतिथि शिक्षकों के भविष्य सुरक्षित करने के बजाय सरकार ने सभी रिक्त पदों पर नए अतिथि शिक्षकों को नियुक्त कर रही है। कुछ समय प्रमोशन और एलटी में सीधी भर्ती होनी है ऐसे में सरकार को 2015 से कार्यरत अतिथि शिक्षकों के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। संघ के अध्यक्ष अभिषेक भट्ट ने कहा कि यदि शीघ्र ही सरकार ने शासन स्तर पर लम्बित अतिथि शिक्षकों की तदर्थ नियुक्ति की मांग को धरातल पर नही उतारा तो अतिथि शिक्षकों को मजबूर होकर सड़को पर उतरना पड़ेगा। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी। अतिथि शिक्षकों का कई जनपदों में दीर्घकालिक अवकाश का वेतन भी नही दिया जा रहा। चमोली, पौड़ी और रुद्रप्रयाग में वेतन रोका जा रहा है। ये सारे मामले शासन स्तर पर लम्बित हैं।