प्रोफेसर विद्या सिंह चौहान की सेवानिवृत्ति पर सम्मान समारोह का आयोजन
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल। हेमंती नंदन केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विद्या सिंह चौहान पूर्व विभाग अध्यक्ष मानव विज्ञान विभाग की सेवानिवृत्ति के शुभ अवसर पर नागरिक अभिनंदन एवं सम्मान समारोह के साथ गढ़भोज अभियान, बीज अर्पण अभियान जल अभियान तथा पर्वतीय विकास केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मानव विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष ऑफिसर विजय सिंह चौहान को समाज श्री सम्मान से सम्मानित किया गया इस अवसर पर उन्हें सम्मान पत्र, स्मृति चिन्ह,शाल एवं पहाड़ी टोपी पहनाकर सम्मानित किया गया जो सम्मान उन्हें हेमंती नंदन बहुगुणा केन्द्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय कुलसचिव एवं छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो०वी०एस०राणा,प्रो०मोहन सिंह पंवार, स्वामी अद्वैतानन्द महाराज शाश्वत धाम, समाजसेवी अनिल स्वामी, गढ़भोज के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल, पर्वतीय विकास शोध केन्द्र के नोडल अधिकारी डॉक्टर अरविन्द दरमोडा, पत्रकार प्रेम पंचोली ने प्रदान किया। इस अवसर पर मोटे अनाजों से बनने वाले परंपरागत भोज को मुख्यधारा से जुड़ कर आर्थिकी का माध्यम बनाने पर चर्चा की गई। इस अवसर पर पूर्व छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर एस राणा ने कहा कि मोटे अनाजों से बनने वाला उत्तराखंड का परंपरागत भोजन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक कहता है असल में उत्तराखंड का पारंपरिक भोजन दुनिया के चुनिंदा भजनों में से एक है जो भूख मिटाने के साथ-साथ औषधि का काम भी करता है गढ़ भोज अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड के परंपरागत मोटे अनाजों के उत्पादन में पानी की खपत कम होती है। परंपरागत परिस्थितिरीय तंत्रों को संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रोफेसर मोहन सिंह पंवार ने कहा कि खुदा झंगोरा खाएंगे सफल बनाएंगे पृथक उत्तराखंड आंदोलन का यह नारा ही नहीं बल्कि संपूर्ण विचार था जिससे न सिर्फ राज्य की अवधारणा को जन्म दिया बल्कि ऐसे स्वालम्वन के विचार को भी जन्म दिया। पत्रकार प्रेम पंचोली ने कहा कि मानव विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विद्या सिंह चौहान ने गढ़ भोज अभियान को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पर्वतीय विकास शोध केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ ने कहा के गर्भ अभियान दुनिया का ऐसा अभियान है जो फसलों को भोजन को पहचान व बाजार दिलाने के लिए चलाया जा रहा है नई पीढ़ी को अपनी विरासत से रूबरू कराने वालों से जुड़ने के लिए अभियान चलाया गया जो आज देश के सफल अभियानों में एक है यह वर्ष संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2023-24 को मोटा अनाज दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर हिमालय बचाओ आंदोलन के संयोजक समीर रतूड़ी, पर्यावरणविद सतेन्द्र भण्डारी,शाशवत धाम के संस्थापक स्वामी अद्वैतान्द जी महाराज, अनिल स्वामी, राकेश ध्यानी, गढ़वाली फिल्म निर्देशक मदन गडोई आदि लोग मौजूद थे।