जाते-जाते नेत्रदान का संदेश दे गई श्रीमती नर्वदा देवी
सचिन शर्मा
"मृत्यु के बाद भी जीवित रहेंगी नर्वदा की आंखें "
ऋषिकेश। नेत्रदान के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ती जा रही है लोग नेत्रदान के महत्व को समझने लगे हैं। इसी कड़ी में श्रीमती नर्वदा देवी के निधन के बाद नेत्रदान से समाज में एक अच्छा संदेश गया है ।बनखंडी निवासी 88 वर्षीय श्रीमती नर्वदा देवी का आज का निधन हो गया था उनके निधन पर उनकी पुत्री पूनम ने अपने भाई शांति स्वरूप ,महेश ,गौरीशंकर, ललित व कपिल से नेत्रदान के लिए सहमति प्राप्त की ।परिवार की इस इच्छा को उनके भाई जय गोपाल वार्ष्णेय ने अपने पड़ोसी नेत्रदान कार्यकर्ता व लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि के चार्टर अध्यक्ष गोपाल नारंग को सूचित किया ।श्री नारंग तुरंत एम्स हॉस्पिटल की नेत्रदान की रेस्क्यू टीम के साथ उनके निवास पर पहुंचे, जहां टीम में आए पवन व डॉ श्रेया मिश्रा ने दोनों कार्निया सुरक्षित प्राप्त कर लिए ।ज्ञात रहे कि सन 2012 में भी श्रीमती पूनम ने अपने ससुर सत्यदेव गुप्ता की मृत्यु उपरांत नेत्रदान कराया था। नेत्रदान के इस कार्य पर राकेश रावल, पंकज जुनेजा, अनिल कक्कड़ ,पंकज ब्रेजा ने परिवार को साधुवाद प्रेषित किया। नेत्रदान महादान हरिद्वार ऋषिकेश प्रमुख रामशरण चावला के अनुसार मिशन का 265 वां सफल प्रयास है जो अविरल चलता रहेगा।