सुरक्षा के उपाय नहीं किये गए तो हो सकती है अनहोनी
गौरी अग्रवाल
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
रुद्रप्रयाग। नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के मरघट वार्ड में हो रहे भूस्खलन से तीस परिवार खतरे की जद में आ गए हैं। यहां पर सुरक्षा के इंतजामात नहीं किये गए तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। सुरक्षा दीवार की मांग को लेकर स्थानीय लोग कई बार जिलाधिकारी से भी मुलाक़ात कर चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पिछले वर्ष 26-27 अगस्त को भारी बारिश के कारण अगस्त्यमुनि नगर पंचायत के मरघट नामक तोक में भूस्खलन हो गया था। तब से यहां पर रह रहे तीस परिवारों को ख़तरा बना हुआ है। यहां लैंड स्लाइड जोन में भारी-भरकम बोल्डर अटके हुए हैं। जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। जबकि पूर्व में राजस्व विभाग और सिंचाई विभाग की संयुक्त टीम भी मौका मुआयना कर चुकी है।
स्थिति यह है कि बारिश के समय लोग भय के साये में जीने को मजबूर हो जाते हैं और अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की शरण ले लेते हैं। वहीं उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने भूस्खलन जोन का मौका मुआयना किया। इस दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों की समस्याओं को सुना। उन्होंने कहा कि प्रशासन को समय रहते भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का ट्रीटमेंट करना चाहिए। भविष्य में किसी भी तरह के हादसे के लिए जिला प्रशासन दोषी माना जायेगा।
स्थानीय निवासी सुरेश कुमार आगरी, पूर्व सैनिक कुंवर, डीएल मनवाल, नंद लाल, जगदीश प्रसाद, सुलोचना देवी, जसदेई देवी का कहना है कि भूस्खलन के कारण कभी भी कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है। जिला प्रशासन हमारी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि बारिश होने पर हम घर छोड़ने के लिए विवश हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षा के लिए जल्द से जल्द सुरक्षात्मक उपाय किये जाएं।
वहीं सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता का कहना है कि दैवीय आपदा में प्रशासन को स्टीमेट भेजा गया है। पैसा मिलते ही काम शुरू किया जाएगा।