भारतीय गौ रक्षा महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अधिवक्ता संजय दरमोड़ा ने जताया रोष आक्रोश
गौरी अग्रवाल
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
रुद्रप्रयाग। धार्मिक अनुष्ठानों को लेकर की जा रही राजनीति पर अखिल भारतीय गौ रक्षा महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अधिवक्ता संजय दरमोड़ा ने आक्रोश जताया है। उन्होंने कहा कि देवभूमि के मठ-मंदिरों पर राजनीति करना, धर्म के खिलाफ है। कुछ लोग उन्हें बदनाम करने का षड़यंत्र रच रहे हैं और सोशल मीडिया के जरिये उनके खिलाफ अनाप-शनाप बयानबाजी करवा रहे हैं, जिससे उनकी छवि धूमिल हो रही है। ऐसे लोगों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। ये लोग कभी भी धर्म के पक्षधर नहीं हो सकते हैं।
भारतीय गौर रक्षा महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता संजय दरमोड़ा ने कहा कि तीन सालों से मां धारी देवी डोली यात्रा का आयोजन किया जा रहा है और इस वर्ष तीन फरवरी को डोली यात्रा को लेकर यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसके बाद सात फरवरी को डोली अपने मूल स्थान से रवाना हुई और सिद्धपीठों और शिव मंदिरों में गई। मां धारी का मंदिर भी सिद्धपीठों में है और यहां की मान्यता किसी से छिपी नहीं है। डोली यात्रा सदैव ही सिद्धपीठों और शिव मंदिरों में जाया करती है और यह सबकुछ क्षेत्र की खुशहाली के लिए किया जाता है, मगर कुछ लोग धार्मिक अनुष्ठानों को राजनीति का नाम दे रहे हैं। यह सरासर गलत है। धार्मिक चीजों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। विकासखण्ड अगस्त्यमुनि के दरम्वाड़ी निवासी अधिवक्ता संजय दरमोड़ा ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि धारी मां की डोली यात्रा पहले कभी नहीं निकाली गई। उन लोगों को यह पता होना चाहिए कि तीन सालों से धारी मां की डोली यात्रा निकाली जा रही है और यह सबकुछ क्षेत्र की खुशहाली के लिए किया जाता है। इससे धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई हंै, नाकि राजनीति के लिए यह सब किया जाता है। उन्होंने कहा कि मेरा मकसद सिर्फ पहाड़ का विकास करना है। गरीब, असहाय व निर्धन लोगों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहा हूं। हंस फाउण्डेशन के जरिये गरीबों को राहत पहुंचाई जा रही है। कहा कि रुद्रप्रयाग जनपद के लिए भी बहुत से कार्य किये जा रहे हैं, जिसका श्रेय उन्होंने कभी नहीं लिया। धार्मिक एवं सामाजिक कार्यो के जरिये क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है। वे नहीं चाहते हैं कि क्षेत्र का विकास हो। जो लोग पार्टी में रहकर जनता का विकास नहीं कर सकते, वे लोग ही ऐसे षड़यंत्र रच सकते हैं। उन्हें डर रहता है कि कई सामाजिक कार्य करने वाले पार्टी में आकर कुछ अच्छा करके नाम न कमा सकें। कहा कि एक व्यक्ति विशेष को निशाना बनाना, कहां तक उचित है। ये लोग धर्म और समाज के विरोधी हैं। प्रमुख समाज सेवी एवं अधिवक्ता दिल्ली उच्चतम न्यायालय संजय शर्मा दरमोड़ा ने कहा कि राम मन्दिर निर्माण के समर्पण अभियान के तहत जिला प्रचारक सोमनाथ व अभियान के पालक डाॅक्टर संजय को चार लाख इक्कावन हजार रुपये की समर्पण राशि का ड्राफ्ट सहयोग किया। साथ ही अपने परिवार व अन्य लोगों से भी धन संग्रह कर चैक व ड्राफ्ट के रूप में सहयोग किया। यह धनराशि स्वयं और परिवार जनों से लेकर ड्राफ्ट सौंपा गया। इस पर कुछ लोगों को राजनीति नजर आई। कहा कि धर्म के कार्यों में राजनीति को बीच में घसीटा जा रहा है। ये लोग कभी जनता का भला नहीं चाहते हैं। अधिवक्ता दरमोड़ा ने कहा कि सामाजिक कार्यो पर अंगुलियां उठाई जा रही है। कोरोना काल में हंस फाउण्डेशन की मदद से 6200 परिवारों को राशन महुैया करवाया गया, जबकि स्वयं उन्होंने दो हजार परिवारों तक राहत पहुंचाई। माता मंगला से अनुरोध करके जिले के लिए हाईटेक एम्बुलेंस दान की। यह एम्बुलेंस आज जिले के लोगों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो रही है। कोरोनाकाल में जिले में वेंटिलेटर की व्यवस्था करवाई। ठंड से बचने के लिए तीन हजार कंबल दान किए। तीन सौ ग्राम सभाओं में साउण्ड सिस्टम दिया गया, जबकि महिला मंगल दल एवं कीर्तन मंडली को सहयोग किया गया। इसके अलावा तीन सौ से ज्यादा स्कूली बच्चों को काॅपी, किताब व स्कूल ड्रेस दी गई और अब तक दो दर्जन से अधिक गरीब लोगों को भवन बनाने में मदद पहुंचाई गई है। अधिवक्ता दरमोड़ा ने कहा कि दिव्यांग लोगों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए जा रहे हैं। लाॅकडाउन में बेरोजगार लोगों ने उन्हें फोन से सूचना दी और वे उनकी मदद के लिए तत्पर रहे। उस दौरान बेरोजगारों को कृषि, उद्यान, मुर्गी, बकरी पालन, गौ पालन, डेयरी के लिए आर्थिक सहायता दी गई। कहा कि उनका मकसद यही है कि वे पहाड़ के साथ ही अपनी केदारघाटी का समुचित विकास कर सकें। केदारघाटी में ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें मदद की आवश्यकता है। यहां रोजगार के संसाधन मुहैया करवाए जा रहे हैं। गाय के गोबर से लकड़ी और धूप बनाने की कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है, जिससे पेड़ों का दोहन न हो सके और लोगों को लकड़ियां भी प्राप्त हो जांए। श्री दरमोड़ा ने कहा कि जंगलों में छोड़ी गई गायों को वे पाल रहे हैं और उनके मलमूत्र से रोजगार का जरिया तलाश रहे हैं। कहा कि ऐसे सामाजिक कार्य करने के बाद भी कुछ लोग सोशल मीडिया के जरिये गलत अफवाह फैलाने का काम कर रहे हैं। इन लोगों से बचने की आवश्यकता है और इन्हें सबक सिखाया जाना चाहिए।