बाघ ने कई मावेसी मारे, दहसत मै ग्रामीण
अशोक बडथ्वाल/रवीन्द्र रावत
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जनपद पौड़ी के विकास खंड द्वारि खाल में इन दिनों पशुभक्षी बाघ , सक्रिय है 1 महीने के अंदर बाघ ने दर्जनों मवेशी मारे हालात इतने बदतर हो गए हैं कि क्षेत्र के दर्जनों गांव के ग्रामीण पालतू पशुओं को अपनी (छानी) गौशाला में बांधने को मजबूर हो गए हैं घटना के बाद वन विभाग खानापूर्ति में लगा हुआ है बताते चलें कि विकासखंड द्वारीखाल के अंतर्गत गांव गडकोट, कोटा, खमणा ,कोठार मल ,घनसाली, खंडोरी, बन्नी , आदि गांव में आजकल पशु पक्षी बाघ ने आतंक मचा रखा है। जिस कारण क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों का दिन का चैन रात की नींद उड़ी हुई है जिस कारण ग्रामीण सहमे हुए और दहशत में हैं। क्षेत्र में सक्रिय पशुभक्षी बाघ के द्वारा गडकोट मैं एक माह में मारे गए पशुओं का आंकड़ा देखें तो विगत 9 जनवरी को भगवान सिंह का बैल 12 फरवरी को महेंद्र सिंह की बकरी 15 फरवरी को स्वयंवर सिंह की गाय व बछिया 16 फरवरी को प्रमिला का बछड़ा 18 फरवरी को भोपाल सिंह की गाय जबकि 19 फरवरी को कोटा निवासी राजेश सिंह का घोड़ा और 19 की ही रात खमणा निवासी सुनील कुमार का घोडा बाघ द्वारा अपना निवाला बनाया गया ग्राम सभा गडकोट के प्रधान माधवेंद्र ज़ख्मोला ( रज्जी) ने क्षेत्र में सक्रिय पशुभक्षी बाघ द्वारा दर्जनों मवेशियों के मारे जाने की सूचना वन विभाग को दी जिस पर वन विभाग द्वारा खानापूर्ति के लिए फॉरेस्ट गार्ड जगबीर सैनी को ग्राम सभा गडकोट मैं विगत माह भेज कर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर ली जबकि उसके बाद से सक्रिय बाघ द्वारा सात अलग-अलग घटनाओं में 8 मवेशियों को अपना निवाला बना लिया।
संपर्क करने पर मानवेंद्र ज़ख्मोला (रज्जी) ने बताया कि क्षेत्र के ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति गहरा आक्रोश है। कहीं बाघ नरभक्षी न बन जाए उन्होंने बताया कि ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल बाग से निजात दिलाने की मांग को लेकर एवं पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर प्रभागीय बनधिकारी लैंसडाउन से मिलेगा