उत्तराखण्ड कार्यकारणी ने हुई घोषणा, तीन किसानों बिलो का किया समर्थन
सुनील सोनकर
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
मसूरी में भारतीय स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ अखिल भारतीय औद्योगिक इकाई की दो दिवसीय बैठक का रविवार को समापन किया गया। वहीं इस मौके पर उत्तराखंड की नई कार्यकारिणी की घोषणा की गई जिसमें हरिद्वार के प्रवीन चौहान प्रदेश अध्यक्ष, मसूरी की किरण रावत और लक्सर के अजय नारायण खाती उपाध्यक्ष, मसूरी के अरविंद रावत महामंत्री व मसूरी के सचिन को कोषाध्यक्ष बनाया गया। उत्तराखंड की नई कार्यकारिणी का राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया। वह स्वायत्तशासी कर्मचारी के हितों के लिए काम करने का आह्वान किया गया।
आरएसएस प्रचारक अनुपम ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ के प्रथम पायदान का श्रमिक संगठन है जिसके लिए पहले राष्ट्रीय हित, फिर उद्योग हित और अंत में मजदूर हित है। उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ श्रमिकों का एक गैर राजनीतिक संगठन है जो किसी भी राजनीतिक दल की श्रमिक इकाई नहीं है यह श्रमिकों का श्रमिकों के लिए श्रमिकों द्वारा संचालित श्रम संगठन है कार्यकर्ताओं की मेहनत और बलिदान के फल स्वरूप 1989 में सदस्यता सत्यापन के आधार पर भारत में नंबर वन का संगठन बन गया जो आज पूरे देश में प्रथम पायदान पर है। उन्होने केन्द्र सरकार द्वारा पास किसान बिल का समर्थन करमे हुए कहा कि बिल किसान के हितों में है परन्तु कुछ राजनैतिक और असमाजिक तत्व किसानों को गुमराह करने का काम कर रहे है। उन्होने कहा कि कोई भी समस्या का समाधान बैठ कर होता है ऐसे में आंदोलन कर रहे किसानों को केन्द्र सरकार के बैठ कर किसानों बिेलो में उनके आ रही दिक्कतों को लेकर विचार विमर्श करना चाहिये जिससे किसान आंदोलन समाप्त हो सके।
भारतीय स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्र भाटी ने कहा कि नगर पालिका और नगर निगम में मज़दूरों स्वायत्तशासी मज़दूरों कई मांगों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है जिसको लेकर संघ शांति पूर्ण तरीके से लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होने बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं को अनुशासन संगठित और संघर्ष का मंत्र दिया जिससे कि संगठन में मजबूती से कर्मचारियों के हितों के लिये काम कर सके। उन्होने केंद्र सरकार द्वारा पारित भी जीन किसान बिलों का समर्थन करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा मज़दूरों के हितों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं ऐसे में पूर्ववर्ती सरकारों ने मात्र मज़दूरों को सुहावने सपने जरूर दिखाएं परंतु उनको धरातल पर उतारा गया। केंद्र की मोदी सरकार ही एक ऐसी सरकार है जिसने मज़दूरों के हितों के लिए काम किया है और मजदूर के हित में ही 3किसान बिल पास किए गए हैं उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक और असामाजिक तत्व इस बिल का विरोध आंदोलन कर रहे ह जो सही नही है। उन्होने कहा कि एकजुटता से ही किसी भी जंग को जीता जा सकता है और श्रमिकों को न्याय दिलाया जा सकता। ऐसे में सभी मज़दूरों कों संगठित रह कर अपनी मागों को लेकर लडनी होगी।