डा सम्राट सुधा ने भारतीय ब्राह्मण समाज द्वारा प्रकाशित"तिथि पर्व दर्शिका"को सराहा
डा सम्राट सुधा ने भारतीय ब्राह्मण समाज द्वारा प्रकाशित"तिथि पर्व दर्शिका"को सराहा
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
सचिन शर्मा
हरिद्वार।डा सम्राट सुधा ने भारतीय ब्राह्मण समाज द्वारा प्रकाशित "तिथि पर्व दर्शिका" के प्रकाशन पर अपनी विशेष विवेचना करते हुए बताया कि उन्हें यथासमय अग्रज डॉ. अनिल शर्मा से मिल गयी थी। संकलन एवम् संपादन पंडित शिवकुमार शर्मा ( झबरेड़ा ) तथा अरुण कुमार शर्मा का है। कुल 64 पृष्ठों की इस लघु पत्रिका में ब्राह्मण समाज के विशिष्ट जनों का सचित्र परिचय तथा अनेक के प्रतिष्ठानों के विज्ञापन भी प्रकाशित हैं ; कतिपय अन्य के भी। मूल प्रस्तुति हिंदू अथवा सनातन पर्वों की प्रामाणिक तिथियों के प्रकाशन की है।संयोग ; स्वाभाविक अथवा संपादकीय प्रवीणता, मुझे नहीं पता, लेकिन उक्त दर्शिका के प्रारंभिक दो विज्ञापन शैक्षिक संस्थानों के हैं और पृष्ठ का आवरण शादी, बर्थडे पार्टी आदि का ! इसका एक अर्थ विशेष है – शैक्षिक संस्कार किसी भी अन्य से पूर्व और अपरिहार्य।मुझे लगता है भविष्य में इस दर्शिका का कलेवर बढ़ाया जा सकता है। मुख पृष्ठ पर भगवान् परशुराम का प्रेरक चित्र ; ॐ तथा " भगवान् परशुरामः नमः" ब्राह्मण गरिमा की दृष्टि से सम्यक् हैं।लेखन तथा प्रकाशन के अपने लगभग 40 वर्षीय अनुभव के आधार पर मैं जनता हूँ कि इस दर्शिका के प्रकाशन हेतु संपादकद्वय को बहुत परिश्रम करना पड़ा होगा ! दोनों को नमन ! भारतीय ब्राह्मण समाज , रुड़की द्वारा प्रकाशित "तिथि पर्व दर्शिका" एक समाज विशेष की, अपनी धार्मिक तिथियों और अपने पर्वों की दिनांकों हेतु सटीकता के दृष्टिकोण सहित, समाज के गौरव की भी प्रतीक है।इसे निःशुल्क भेंट के उदात्त उद्देश्य से प्रकाशित करना उपर्युक्त सात्विक कर्म के विस्तीर्ण गगन में समर्पण का एक और सितारा जोड़ देता है।