ऐतिहासिक हैम्पटन कोर्ट स्कूल का शताब्दी दिवस समारोह, उत्तराखण्ड सेवा अधिकार आयुक्त और पूर्व डीजीएमओ ने की शिरकत
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सुनील सोनकर
मसूरी का ऐतिहासिक हैम्पटन कोर्ट स्कूल का शताब्दी दिवस समारोह धूमधाम के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ बिशप फ्रांसिस कालिस्ट और प्रधानाचार्य अनीता सिंह द्वारा सयुक्त रूप् से दीप प्रत्वलित करके किया।इस मौके पर उत्तराखण्ड सेवा अधिकार आयोग के आयुक्त अनिल रतूड़ी और पूर्व डीजीएमओ अनिल भट्ट भी मौजूद थे। इस अवसर पर स्कूल के छात्र-छात्राओं ने उत्तराखण्ड की संस्कृति और नंदा देवी राजजात यात्रा को प्रस्तुत किया जिसने सभी के मन को मोह लिया। साथ ही भारत तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा बैंड की प्रस्तुति दी गई जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूर्व छात्र उत्तराखण्ड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सदीप सहानी ने भी अपनी स्कूल की यादों को लोगो के साथ साझा किया।
उत्तराखंड सेवा अधिकार के आयुक्त अनिल रतूड़ी ने कहा कि आज अपने पुराने स्कूल हैंपटन कोर्ट में आकर उनको बड़ा गर्व महसूस हो रहा है आज स्कूल में 100 साल पूरे करने जा रहा है और कई खट्टी मीठी यादें इस स्कूल से उनकी जुड़ी भी है और आज जो भी कुछ वह है वह नीव इसी स्कूल के द्वारा उनमें डाली गई थी। उन्होने कहा कि 100 साल के गौरवशाली इतिहास में कई प्रिंसिपल यहां पर आए और इस स्कूल के साथ छात्रों के भविष्य के निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाई इसका व दिल से आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा आज इसी स्कूल से पढ़कर कई छात्रों छात्र-छात्राओं द्वारा देश ही नहीं दुनिया में अपना और स्कूल का नाम रोशन कर महत्वपूर्ण पदों में अपनी सेवा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनको जनता की सेवा करने का एक और मौका देकर उनको सेवा का अधिकार आयोग का आयुक्त बनाया हैं जिसको लेकर वह लगातार काम कर रहे हैं और आने वाले समय में कई बड़े बदलाव आयोग में देखे जायेगे।
भारत के पूर्व डीजीएमओ अनिल भट्ट ने कहा कि अ वह अपने स्कूल का 100वा साल का जश्न मनाने के लिए मसूरी में आए हैं और काफी खुश है। 50 साल पहले वह इसी स्कूल में पढ़े और शिक्षा ग्रहण की । उन्होंने कहा कि वह अपने माता पिता का बड़ा आभार व्यक्त करते हैं कि उनके द्वारा प्राइमरी शिक्षा हैम्पटन कोर्ट स्कूल में करवाई गई और यही कारण है आज वह जो कुछ भी है वह इसी स्कूल के द्वारा दी गई शिक्षा और मूल्यों उनकी दी गई । उन्होंने कहा कि स्कूल द्वारा वेस्टर्न कल्चर को प्रमोट नहीं किया गया । और कान्वेट स्कूल में पढने के बाद भी बच्चों को उत्तराखण्ड की संस्कृति में डालकर कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए जो सहराहनीय योग है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिशप फ्रांसिस कालिस्ट ने कहा कि स्कूल ने 100 साल पूरे करने जा रहा है वह स्कूल में देश के साथ विदेशों के छात्र-छात्राओं ने शिक्षा ग्रहण की है और कर रहे है वह देश और विदेशों में नाम रोशन कर रहे है।उन्होंने कहा कि 100 साल की इस लंबी यात्रा में स्कूल ने कई बड़े उतार-चढ़ाव देखे हैं स्कूल ने हमेशा से बच्चों को शिक्षा के साथ अनुशासन और मूल्यों को सिखाया है। उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा उत्तराखंड की संस्कृति के साथ वहां की वेशभूषा को अपने नृत्य के माध्यम से प्रदर्शित किया है जो अपने आप में अनोखा था जो उनको काफी अच्छा लगा।
स्कूल की प्रधानाचार्य अनीता सिंह ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य है कि यहां से छात्र-छात्राओं को पढ़ाई शिक्षा के साथ नई तकनीकों के बारे में जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति बिना अनुशासन से जिंदगी में सफल नहीं हो सकता है ऐसे में स्कूल का मुख्य उद्देश है कि वह बच्चों के भविष्य के निर्माण को लेकर उनकी बेहतर शिक्षा के साथ अनुशासन व मूल्यों का ज्ञान दे।