ज्योतिषियों के अनुसार वास्तु शास्त्र के अनुसार बंगला है अपशकुनी
सुनील सोनकर
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
उत्तराखंड की राजनीति में एक बड़ा मिथक जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि जो कहा जाता है कि मुख्यमंत्री आवास में अपशकुन है. यहां जो भी मुख्यमंत्री रहता है वो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है. देहरादून के न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री बंगले को लेकर मिथक है कि तो भी मुख्यमंत्री इस बंगले में रहता है, वह अपना पाचं साल का कार्यकाल पूरा नहीं करता है, यह एक बार फिर सच साबित हुआ है। इसी मिथक को लेकर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डर के न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री बंगले को छोड कर राज्य के सरकारी गेस्ट हाउस को अपना आधिकारिक घर बनाया था। बता दे कि पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, मेजर जनरल बीसी खंडूरी और विजय बहुगुणा और त्रिवेंद्र रावत ने न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री बंगले के रूप में अपने घर को चुना परन्तु वह अपना कार्यकाल पूरा नही कर पाये। कई ज्योतिषियों ने संकेत दिया था कि बंगला वास्तु दोष की चपेट में है और बुरे शगुन को हटाने के लिए विशेषज्ञों की आवश्यकता थी। न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री बंगले में 60 कमरे है पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत मात्र पाचं कमरों में अपने परिवार के साथ्रा रहते है। पारंपरिक पहाड़ी वास्तुकला में डिजाइन किए गए सीएम के नए बंगले का निर्माण 2010 में 16 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया गया था और यह 10 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। मसूरी के एक प्रतिष्ठित ज्योतिषी गजेंद्र शास्त्री ने कहा कि बंगला हिंदू मान्यताओं के अनुसार वास्तु दोष के दायरे में है, जहां घर का निर्माण करते समय पश्चिमी कोने को देवताओं के लिए छोड़ दिया जाता है, लेकिन यहां ऐसा नहीं किया गया ।यह देखा जाना बाकी है कि अब घोषित किया जाने वाले नये मुख्यमंत्री न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री बंगले में रहेगे की नही।