ओवरलोड वाहन बिगाड़ रहे सड़कों की सूरत
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दिलशाद अली
लक्सर लंढोरा सड़कों पर गुजरते गन्ना व पत्थर भरे ओवरलोड ट्रक।सड़कों पर गुजरते गन्ना भरे ओवरलोड़ वाहन वाहनों के ओवरलोडिंग के कारण शहर से देहात तक सड़कों की हालत खस्ता हो रही है। मोटी कमाई के फेर में वाहन चालक यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं। वहीं दूसरी तरफ यातायात व परिवहन विभाग भी इन वाहनों पर कार्रवाई नहीं करता। ऐसे में वाहन मालिक व चालकों के हौसले बुलंद हैं। शहर के लंढोरा चमन लाल डिग्री कॉलेज चौराहा शिकारपुर पुलिया आदि जगहों से ओवरलोड ट्रकों की आवाजाही जारी है। इन चौराहों पर यातायात पुलिस छोटे वाहनों पर कार्रवाई करती नजर आती है, लेकिन उनके सामने से गुजरने वाले भारी वाहनों और नो एंट्री में घुसने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती। स्थानीय लोगों की मानें तो चालकों का यातायात नियमों से कोई सरोकार नहीं वे जब चाहे मनमाने ढंग से सामान लोड कर गंतव्य की ओर रवाना हो जाते हैं। इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। स्कूल की छुट्टी के समय तो बच्चों का रोड से निकलना खतरे से कम नहीं होता। ओवरलोड वाहनों के दौड़ने से सड़कों की सेहत खराब हाने के साथ ही इन वाहनों पर चलने वाले चालक -परिचालकों की जान पर भी खतरा मंडराता रहता है। कई बार खराब सड़क होने की वजह से ट्रक पलट जाते हैं। आलम यह है कि स्थानीय लोगों द्वारा बार-बार शिकायत करने पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिला प्रशासन की खामोशी का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है। थोड़ी से बचत के लिए दे रहे दूसरों को मुसीबत
ओवरलोड वाहनों के चालकों की मानें तो कम दूरी की वजह से अधिकांश ट्रक इन्हीं मार्गों से आना-जाना करते हैं। लक्सर हरिद्वार हाईवे से रुड़की पहुंचने में जहां 65 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है वहीं वाया लंढोरा मार्ग से यह दूरी 18 किलोमीटर है। ट्रक चालक डीजल बचाने के लिए अधिकांश तौर पर इसी मार्ग से अपने वाहन ले जाते हैं। शिकारपुर चौराहा निवासी राकेश राजीव उमेश का कहना है कि रोड की मरम्मत तो हुई, लेकिन अब फिर ओवरलोड वाहनों से रोड खराब होने का खतरा मंडराने लगा है। यातायात विभाग और परिवहन कार्यालय की सुस्ती के कारण भारी वाहनों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होती इस कारण भारी वाहनों पर रोक नहीं लग पा रही है।