पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों ने जताई चिंता, कहा लॉकडाउन ना लगने के बाद भी मसूरी में लाकडाउन जैसे हालात
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
सुनील सोनकर
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार द्वारा अपनाए जा रहे सख्त कदम उठाए जाने पर उत्तराखण्ड का पर्यटन बूरी तरह से प्रभावित हो गया है जिसको लेकर मसूरी में उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन, उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ और मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी द्वारा संयुक्त प्रेस वार्ता की गई। उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप साहनी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण को नई गाइड लाइन जारी कर प्रदेश में 72 घंटे पहले आरटी पीसीआर की नो कोविड टेस्ट रिपोर्ट दिखाये जाने के बाद प्रवेश करने की अनुमति होगी जिसके बाद प्रदेश में पर्यटन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। उन्होंने कहा कि मसूरी में लॉकडाउन जैसे हालात हो गए हैं मसूरी में पर्यटन सीजन बुरी तरीके से प्रभावित हो गया है यहां पर पर्यटक ना मात्र दिखाई दे रहे हैं पिछले हफ्ते में लगातार सभी होटलों की पूर्व में हुई बुकिंग 80 प्रतिशत कैंसिल हो गई है। होटल एसोसिएशन के साथ व्यावसायिक वाहन स्वामियों और मसूरी के व्यापारियों में चिंता की लकीरे देखी जा रही है। उन्होने कहा कि उत्तराखंड सीमाओं पर प्रदेश में प्रवेश को लेकर कोविड की चेकिंग की जा रही है जिसको लेकर पर्यटकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है वही कई पर्यटक वापस लौट गई है। वही पर्यटकों ने उत्तराखंड ना आने का मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि शहर में कर्फ्यू जैसा माहौल हो गया है उन्होंने कहा कि पिछले साल सीजन के समय लॉकडाउन के बाद होटल व्यवसायी के साथ कर्मचारियों और व्यापारियों के भूखमरी जैसा हालात हो गये थे। और अगर इस बार भी ऐसे हालात हुए तो हालत बद से बदतर हो जाएगी।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश है यहां के प्रमुख प्र्यटन स्थल नैनीताल रानीखेत कॉर्बेट ऋषिकेश आदि गर्मी के सीजन पर निर्भर है अगर चार धाम यात्रा नहीं चली तो पहाड़ के लोगों बेरोजगार हो जायेगे। लोगो को भयानक आर्थिक संकट से गुजरना पडेगा। उन्होने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन पर आधारित जहा से सबसे जयादा सरकार को राजस्व मिलता है वही प्र्यटन उद्योग से ही लोगों को रोजगार मिलतो हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उत्तराखण्ड में कोरोना सक्रमण को रोकने के साथ पर्यटन को बचाने की योजना बनाई जाये। वही उत्तराखंड में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अगले 15 दिनों के अंदर कोरोना वैक्सीन लगाये की योजना बनाई जाए । उन्होंने कहा कि बिना सरकार के मदद के पर्यटन व्यवसाय नहीं चल पाएगा और अगर सरकार इसको लेकर जल्द कोई कदम नहीं उठाती तो प्रदेश का पर्यटन पूरी तरीके से प्रभावित हो जाएगा और इससे जुड़े लोग दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जायेगे।
उत्तराखण्ड टैक्सी मैक्सी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुंदर सिंह पवार ने कहा कि पिछले दिनों प्रदेश भर में चार धाम को लेकर व्यसायिक वहानों की लगभग 90 प्रतिशत बुकिंग कैंसिल है । इससे एक बार फिर व्यवसायिक वाहनों आर्थिक संकट का खतरा मंडराने लगा है उन्होंने सरकार से मांग की है कि व्यवासासिक वाहनों को दो साल के रोड टैक्स में छूट दी जाए। व्यवसायिक वाहन चालकों को पांच ₹5 हजार की आर्थिक सहायता दी जाए। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट उद्योग पर्यटन की कमर की हड्डी है और अगर यही उद्योग खत्म हो जाएगा तो उसका सिधा असर पर्यटन के साथ आम आमदी पर पड़ेगा।
मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर कई प्रदेशों में रात्रि लॉकडाउन के साथ तो कई में वीकेंड में लॉकडाउन लगा दिया है। जिससे उत्तराखंड का पर्यटन बूरी तरीके से प्रभावित हो गया है। उन्होंने कहा कि अप्रैल से लेकर अगस्त माह तक पर्यटन सीजन होता है और ऐसे में सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइन से पर्यटन सीजन प्रभावित होना शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि संक्रमण से निपटने को लेकर सरकार को कड़े कदम उठाने होगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटकों के आने पर किसी प्रकार की पाबंदी नही लगाई जाए । व कोरोना संक्रमण से निपटने को लेकर कोविड के नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए। इस मौके पर दीपक गुप्ता, शैलेंद्र कर्णवाल, राम कुमार गुप्ता, जगजीत कुकरेजा, नागेंद्र उनियाल, मसूरी होटल एसोसिएशन अध्यक्ष आर.एन.माथुर सहित कई लोग मौजूद थे।