कोविड 19 संक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुवे जिलाधिकारी द्वारा क्वॉरेंटाइन केन्द्र बनाने हेतु किये अनेक गेस्ट हाउस अधिकृत
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
विरेन्द्र वर्मा
टिहरी /कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के चलते संक्रमण की सम्भावित वृद्वि के दृष्टिगत जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव द्वारा आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 की धारा-34 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए गढ़वाल मण्डल विकास निगम लिमिटेड धनोल्टी के गेस्ट हाऊस, चम्बा स्थित होटल क्लासिक हिलटाॅप व होटल टीसीआर गुणाबागी को क्वारंटाईन/आईसोलेशन केन्द्र बनाये जाने हेतु अधिग्रहित किया गया है।2- कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के चलते संक्रमण की सम्भावित वृद्वि के दृष्टिगत जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव द्वारा आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 की धारा-34 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए नरेन्द्रनगर स्थित उप जिला चिकित्सालय को क्वारंटाईन/आईसोलेशन केन्द्र बनाये जाने हेतु अधिग्रहित किया गया है। उन्होंने उप जिला चिकित्सालय नरेन्द्रनगर की सुरक्षा व्यवस्था, भोजन व्यवस्था, साफ-सफाई, सैनेटाईजेशन आदि समुचित व्यवस्थाओं की देखरेख हेतु उप जिलाधिकारी नरेन्द्रनगर युक्ता मिश्र को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। वहीं ऋषिलोक रिजार्ट मुनीकीरेती गढ़वाल मण्डल विकास निगम को भी क्वारंटाईन/आईसोलेशन केन्द्र बनाये जाने हेतु अधिग्रहित किया गया है जिसकी समुचित व्यवस्थाओं के पर्यवेक्षण हेतु नायब तहसीलदार नरेन्द्रनगर अयोध्या प्रसाद उनियाल को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। 3- जनपद में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के चलते जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 के अध्याय 04 की धारा 30 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जनपद के सभी विभागाध्यक्षों एवं कार्यालयाध्यक्षों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में सतर्क बने रहें। कार्यदिवस सहित अवकाश दिवस में भी मुख्यालय न छोडे़ तथा अपना मोबईल फोन 24 घण्टे ऑन/एक्टिव रखें। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि उनकी (जिलाधिकारी) अनुमति के बिना किसी भी दशा में मुख्यालय न छोड़ा जाय। अपरिहार्य स्थिति में अनुमति लेने के बाद मुख्यालय छोड़े तथा द्वितीय अधिकारी व उसके मोबाईल नम्बर का उल्लेख अवश्य करें तथा इस सम्बन्ध में अधीनस्थों को भी अनिवार्य रूप से अवगत करा दें ताकि आपात परिस्थितियों में राहत एवं बचाव कार्य में किसी प्रकार का बिलम्ब न होने पावे। उन्होंने चेतावनी दी है कि दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाय अन्यथा आदेशों के उल्घन की स्थिति में आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005, एपीडैमिक डिजीज एक्ट 1897 एवं भारतीय दण्ड सहिंता तथा अन्य अधिनियमों की सुसंगत धाराओं में कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।