रमजान का मुकद्दस महीना
दिलशाद अली
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लक्सर आसपास रमजान उल मुबारक का बा बरकत पहला अशरा समाप्त हो गया है और दूसरा अशरा शुरू हो गया है और रमजान का मुकद्दस महीना चल रहा है इसमें हर चीज का सवाब अल्लाह की ओर से डबल मिलता है तथा अल्लाह ताला ने रमजान के महीने को तीन हिस्सों पर तक्सीम किया पहला अशरा रहमत है दूसरा अशरा मगफिरत है और तीसरा जहन्नम में जाने के लिए खुला है रमजान मुबारक का दूसरा हफ्ता शुरू हो चुका है अल्लाह ताला फरमाता हैं कि रोजे का बदला मैं खुद ही दूंगा और जो शख्स किसी रोजादार को रोजाअफतार कराता है अल्लाह ताला उसको खूब आता करता हैं हजरत अबू हुरैरा राजि अल्लाहू अन्हू ने हुजूर सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम से नकल किया कि मेरी उम्मत को रमजान शरीफ के बारे में पांच चीजें खास तौर पर दी गई है जो पहली उम्मतो को नहीं मिली नंबर एक यह है कि उनके मुंह की बदबू अल्लाह के नजदीक मुश्क जाफरान से ज्यादा पसंदीदा है नंबर दो यह है कि उनके लिए दरिया की मछलियां तक दुआएं करती है और इफ्तार के वक्त तक करती रहती है नंबर 3 जन्नत हर रोज उनके लिए सजाई जाती है फिर हक ताला शान हूं फरमाता हैं कि करीब है मेरे नेक बंदे जो दुनिया की मशक्कत है अपने ऊपर से फेंक कर मेरी तरफ आवे नंबर 4 इसमें चारों शैतान कैद कर दिए जाते हैं कि वह रमजान में उन बुराइयों की तरफ ना पहुंच सके जिनकी तरफ जाने से गुनाह मिलती है रमजान के महीने में नेकी कर जन्नत में जा सके और नंबर 5 रमजान की आखिरी रात में रोजेदारों के लिए मगफिरत की जाती है सहाबा ने अर्ज किया या रसूल अल्लाह यह क्या है इसको सबे कदर की रात कहा जाता है जिसमें मगफिरत की जाती है। बल्कि दस्तूर यह है कि मजदूर का काम खत्म होने के वक्त मजदूर को उसकी मजदूरी दे दी जाती है नबीये करीम सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम का इरशाद है कि रमजानुल मुबारक की हर दिन रात में अल्लाह के यहां से जहन्नम के कैदी छोड़े जाते हैं और हर मुसलमान के लिए आसमानों पर रोजेदार के लिए दुआ होती है जो कबूल होती है हुजूर सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम का इरशाद है कि 3 आदमियों की दुआ रद्द नहीं होती एक रोजादार की इफ्तार के वक्त दूसरे आदिल बादशाह की दुआ तीसरे मजलूम की जिसको हक ताला शान हूं बादलों से ऊपर उठा लेते हैं और आसमान के दरवाजे उसके लिए खोल दिए जाते हैं और इरशाद होता है कि मैं तेरी जरूर मदद करूंगा किसी मस्लाहत से कुछ देर हो जाए और हुजूर सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम का इरशाद है कि खुद हक ताला शानहू और उसके फरिश्ते शहरी खाने वालों पर रहमत नाजिल फरमाते हैं इसलिए हम को चाहिए कि हम सब रमजान के बा बरकत महीने में खूब अल्लाह से दुआएं मांगे और इस वक्त जो मुल्क के अंदर करोना वायरस की बीमारी फैली हुई है खासतौर से अल्लाह से दुआ करें कि यह बीमारी की शक्ल में अल्लाह का एक आजाब है तो खूब अल्लाह के सामने रो रो कर दुआ करें ताकि अल्लाह ताला इस अजाब को हमारे ऊपर से बिल्कुल खत्म कर दें और सब लोग अपने घरों में रहे बगैर जरूरत के बाहर ना निकले और आपस में सामाजिक दूरी बनाए रखें और मास्क का इस्तेमाल करें और आप जब भी बाहर से आए तो अपने हाथों को अच्छी तरह से धोले और सैनिटाइजर का भी इस्तेमाल करते रहे कारी शहजाद आलम नाजिम मदरसा जामिया तालीमुल कुरान मोहितपुर ने लोगों से हुकूमत की तरफ से दी गई गाइड लाइन पर जोर देते हुए अमल करने की पुरजोर अपील की है।