राज्य के ग्रामीण क्षेत्रो से शहरी क्षेत्रों में स्वरोजगार की तलाश करने वाले असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को गारंटी के साथ स्वरोज़गार सुनिश्चित करे राज्य सरकार: संजय चोपड़ा*
गौरव अरोड़ा
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
*हरिद्वार 17 जुलाई,* उत्तराखंड राज्य के ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में स्वरोजगार की तलाश करने वाले पलंबर, बिजली मिस्त्री, पुताई वाले, राजमिस्त्री, असंगठित क्षेत्र के दैनिक मजदूर श्रमिकों को सरकार के संरक्षण में उनके स्वरोजगार सुनिश्चित करने के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए श्रमिक कल्याण परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा की अगुवाई में समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा की अध्यक्षता में चंद्रचार्य चौक स्थित कार्यलय पर बैठक आहूत की गई। बैठक के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, श्रम- स्वरोजगार मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को ईमेल के माध्यम से असंगठित क्षेत्र के दिहाड़ी मजदूरों को सरकार के संरक्षण में रोजगार गारंटी के साथ न्यूनतम वेज निर्धारित कर श्रम विभाग के माध्यम से स्वरोजगार दिए जाने की मांग को दोहराया।
इस अवसर पर श्रमिक कल्याण परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तराखंड राज्य में हर वर्ग को सरकार के संरक्षण में स्वरोजगार सुनिश्चित करने की योजना बनाई जा रही है, इसी के दृष्टिगत असंगठित क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र में रोजगार की तलाश करने वाले पलंबर, राजमिस्त्री, पुताई, बिजली, दैनिक दिहाड़ी के मजदूरों को उचित न्यूनतम वेज ना मिलने के कारण आए दिन शोषण व उत्पीड़न की घटनाओं से दो-चार होना पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा श्रम विभाग द्वारा असंगठित क्षेत्र के दिहाड़ी के मजदूरों को उनके स्वरोजगार सुनिश्चित करने के लिए उचित प्रबंधन के साथ राज्य सरकार को योजनाबद्ध तरीके से प्रशासनिक निगरानी में पंजीकरण के साथ स्वरोजगार के अवसर दिया जाना न्यायसंगत होगा।
वरिष्ठ समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा ने कहा कोरोना वैश्विक महामारी की वजह से बेरोजगारी चरम पर है, ऐसे में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को यदि राज्य सरकार के संरक्षण में रोजगार दिए जाने की पहल की जाती है तो उससे एक व्यवस्था भी बनेगी और एक नई पहचान के साथ असंगठित क्षेत्र का मजदूर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहते हुए अपने परिवार के आजीविका को बगैर किसी कठिनाई के संचालित कर सकेगा। बहुत से असंगठित क्षेत्र के मजदूर आए दिन ठेकेदारों के चुंगल में जंगल में रहने के कारण उन्हें उनकी मजदूरी का उचित मूल्य ठीक से नहीं मिल पाता है जिसके कारण वह असंगठित क्षेत्र के मजदूर दर-दर भटकाव में रहते हैं, विषय की गंभीरता को देखते हुए सरकार की और से इस और ध्यान दिया जाना उचित होगा।
बैठक में मुख्य रूप से राधेश्याम रतूड़ी, चंद्रप्रकाश भारद्वाज, मनोज कुमार, राजेन्द्र पाल, मनीष शर्मा, विवेक त्यागी आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।