आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने कोर्ट में झूठ बोल कर बचाई अपनी जान....
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मनोज ननकानी
हरिद्वार - गौरतलब है कि पंचकर्म विभाग के एक प्रोफेसर ने अपनी पदोन्नति हेतु नैनीताल हाइकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। पदों की संख्या के संबंध में विश्वविद्यालय ने कोर्ट में झूठ का सहारा लिया । पंचकर्म विभाग में कुल सृजित पद 3 हैं जब कि विश्वविद्यालय के अधिवक्ता ने कोर्ट को पदों की संख्या 4 बताया तथा सीधी भर्ती से कार्य कर रहे एक प्रोफेसर की जानकारी छुपा कर कोर्ट को अंधेरे में रखा। सूत्रों के अनुसार विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने नाम न बताने की शर्त पर यह बताया कि पदों की गड़बड़ी कुलपति महोदय की शह पर उनके चहेते शिक्षक को विश्वविद्यालय में एन केन प्रकारेण भर्ती करने के लिए की जा रही है। इस कारण विश्व विद्यालय के शिक्षकों में भारी रोष व्याप्त है तथा शिक्षकों को उच्च अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचने के लिए भी रोका जा जा रहा है। ज्ञात हो अभी कुछ दिन पहले शासन ने भी विश्वविद्यालय को पत्र लिख कर कड़े शब्दों में कई भ्रष्टाचार के मामलों में सुस्पष्ट आख्या मांगी थी परंतु विश्वविद्यालय ने अब तक कोई जवाब नही दिया और भर्ती प्रक्रिया को जबरन पूर्ण करने पर आमादा है ।