संस्कृत भारती का प्रान्त समीक्षा योजना गोष्ठी का हुआ समापन
कुलदीप शर्मा
हरिद्वार। उत्तराखंड प्रांत के संस्कृत भारती के दो दिवसीय प्रांतीय समीक्षा योजना सेमिनार में उत्तराखंड के तेरह जनपदों के अनुभागों, जनपदों और प्रभागों के जिम्मेदार प्रांतीय कार्यकर्ता वार्षिक समीक्षा के लिए हरिद्वार में एकत्रित हुए । विभिन्न सत्रों में पिछले वर्ष की गतिविधियों की समीक्षा की गई और आगामी वर्ष के लिए नई योजनाओं और गतिविधियों की समीक्षा की गई।
विशेष चर्चा में श्री जय प्रकाश, श्री प्रेम चन्द्र शास्त्री, श्रीमती जानकी त्रिपाठी, गिरीश तिवारी, गौरव शास्त्री, हरीश गुरुरानी एवं अन्य ने अखिल भारतीय स्तर, प्रांत स्तर, जनपद स्तर पर होने वाले संभावित कार्यक्रमों की समीक्षा की। सभी स्तर पर सभी व्यवस्थाओं के लिए मार्गदर्शन किया। संस्कृत भारती के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियों के रूप में नए पद भी मिले हैं. इस बार भी कार्यकर्ताओं के संकल्प से संस्कृत घर-घर पहुंचेगी
*संस्कृत से सभी का स्पर्श हो "अ.भा.सं.म. मंत्री जय प्रकाश"*
रविवार को प्रांतीय समीक्षा योजना संगोष्ठी के समापन सत्र में प्रांतीय अध्यक्षा श्रीमती जानकी त्रिपाठी ने कहा कि हम सब मिलकर संस्कृत के कार्य को आगे बढ़ाएंगे और जगह-जगह संभाषण शिविर आयोजित कर संस्कृत का प्रचार-प्रसार करेंगे। अखिल भारतीय संगठन मंत्री द्वारा श्री जयप्रकाश ने कहा कि हमें संस्कृत को समय देना चाहिए और एक-दूसरे से संवाद भी करना चाहिए तथा सम्मेलन जरूरी हैं। हमें सभी को संस्कृत से जोड़ना चाहिए ताकि इसका पोषण एवं संरक्षण हो सके। हर किसी को याद रखने की जरूरत है. निर्माण के रूप में दूरदर्शिता आवश्यक है।
विद्वत परिषद प्रमुख: श्री दिनेश चंद्र शास्त्री, गीता शिक्षण प्रमुख: अरविंद नारायण मिश्र, प्रकाश चंद्र जांगी, प्रकाश चंद्र-उप्रैती, जगदीश चंद्र जोशी, जगदीश पांडे, रोशन गौड़, प्रदीप सेमवाल, वाणीभूषण भट्ट, इतेंद्र नैथानी, कुलदीप मैंदोला, पूर्व कार्यालय प्रमुख मनीष बड़थ्वाल एवं अन्य उपस्थित थे।