पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्रवृत्ति संत की और भक्ति संघ की : डॉ. शैलेंद्र
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पंकज राज चौहान
हरिद्वार। पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्रवृत्ति एक धार्मिक संत सरीखी है। उन्होंने अपने जीवनकाल में संघ की भक्ति की और भाजपा संगठन को मजबूत करने का कार्य किया। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होकर राजनीति में शुचिता और पारदर्शिता से जीरो टॉलरेंस की मुहिम को सार्थक कर दिखाया। उनका मुख्यमंत्री पद का चार साल का कार्यकाल बेदाग रहा और भाजपा हाईकमान ने पुरस्कार स्वरूप हरिद्वार लोकसभा से प्रत्याशी बनाकर कार्यकर्ताओं के दिल की इच्छा पूरी कर दी। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने टिकट मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत सादगी पूर्ण जीवन जीने वाले असाधारण व्यक्तित्व के धनी हैं। उन्होंने शैक्षणिक काल में ही संघ की पाठशाला से अनुशासन और राष्ट्रप्रेम की भावना को प्रबल किया। संगठन की सेवा करना ही अपने जीवन का संकल्प बना लिया। भाजपा ने त्रिवेंद्र की काबलियत का उपयोग समय-समय पर विभिन्न पदों की जिम्मेदारी देकर किया। भाजपा के बेहद अनुशासित सिपाही की तरह त्रिवेंद्र हर कसौटी पर पूरी तरह से खरे उतरे। उन्होंने भाजपा को हमेशा मजबूत किया और पार्टी की रीती-नीतियों का पालन किया।
त्रिवेंद्र के व्यक्तित्व को नजदीक से जानने वाले डॉ. शैलेंद्र बताते है कि वह वास्तविक जीवन में एक संत की तरह अनुशासित जीवन जीते हैं। सुबह सवेरे उठकर योग करना और पूजा पाठ करना उनका नित्यकर्म है। इसके बाद वह पेड़ पौधों की सेवा करने में जुट जाते हैं। इसके बाद त्रिवेंद्र रावत कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद संगठन के कार्यो में जुटे रहते हैं। त्रिवेंद्र अपने कार्यकर्ताओं को साथ लेकर संगठन के कार्यो को बखूबी पूरा करते हैं। वह सात्विक भोजन करना पसंद करते हैं। त्रिवेंद्र रावत का यही व्यक्तित्व उनको महान बनाता है। यही कारण है कि त्रिवेंद्र ने राजनीति में ईमानदारी की एक मिसाल कायम की है।
हरिद्वार से आचार्य सुधांशु बताते है कि राजनीतिक क्षेत्र में त्रिवेंद्र जैसा संत दूसरा नही देखा। ईमानदारी उनका गहना और उनकी ताकत है। वह सच बोलना पसंद करते हैं,जिसके कारण कई बार उनके राजनीतिक मित्र भी नाराज हो जाते हैं लेकिन पीठ पीछे त्रिवेंद्र की ईमानदारी की तारीफ करना नही भूलते। ऐसे संत को टिकट देकर भाजपा हाईकमान ने हरिद्वार लोकसभा सीट पर उपकार किया है।