पत्रकारों की मान्यता के मानकों में शिथिलीकरण पर हो रहा विचारः महानिदेशक
पत्रकारों की मान्यता के मानकों में शिथिलीकरण पर हो रहा विचारः महानिदेशक
-उत्तराखंड पत्रकार यूनियन जिला इकाई देहरादून के वार्षिक सम्मेलन में सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने दी जानकारी
-वरिष्ठ पत्रकार डा. देवेंद्र भसीन ने सोशल मीडिया की संभावनाओं और चुनौतियों पर दिया व्याख्यान, कहा तकनीक से पत्रकारिता को हुआ फायदा
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
प्रमोद गिरि
देहरादून। पत्रकारों को मान्यता देने के लिए मानकों में शिथिलीकरण करने पर विचार हो रहा है। राज्य सरकार पहले ही तहसील स्तर पर मान्यता देने के प्रस्ताव पर अपनी सहमति व्यक्त कर चुकी है। उत्तराखंड पत्रकार यूनियन, जिला इकाई देहरादून के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने यह बात कही।
रविवार को प्रेस क्लब सभागार में वरिष्ठ पत्रकार व राज्य उच्च शिक्षा उन्नयन समिति के उपाध्यक्ष डा. देवेंद्र भसीन, यूपीयू के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र कंडारी, जिलाध्यक्ष अनिल चन्दोला, प्रदेश महामंत्री हरीश जोशी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशीष ध्यानी, संगठन मंत्री तिलक राज, प्रचार मंत्री शूरबीर भंडारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सोशल मीडिया की चुनौतियां और संभावनाएं विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए डा. देवेंद्र भसीन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में पत्रकारिता में बहुत अधिक बदलाव हुए हैं। तकनीक के इस्तेमाल से पत्रकारिता की गति में तेजी आई है। सोशल मीडिया के चलते आज सूचनाएं पलक झपकते ही दुनियाभर में फैल जाती है। उन्होंने सोशल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन, रीच, इंगेजमेंट, खबरों के कानूनी पहलुओं, मीडिया लॉ और एथिक्स के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया ने जहां लोगों को स्वतंत्रता दी है, वहीं इससे भ्रामक खबरों के प्रचार-प्रसार में भी तेजी आई है।
महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि आज मोबाइल और तकनीक के इस युग में हर व्यक्ति खुद को पत्रकार मान रहा है। लेकिन असली पत्रकार वही है, जो खबरों का चयन जिम्मेदारी से करे। किसी भी खबर को प्रकाशित और प्रसारित करने से पहले तथ्यों की पड़ताल बेहद आवश्यक है। सोशल मीडिया में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह मल्टीलेयर स्क्रिनिंग सिस्टम नहीं है, इसलिए वहां भ्रामक और गलत खबरों की भी भरमार है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र कंडारी ने कहा कि पुराने और नए पत्रकारों के सोचने के तरीके में बहुत अंतर है। लेकिन खबरों के मूल तत्व और आवश्यकताएं आज भी वही हैं। जिलाध्यक्ष अनिल चन्दोला ने कहा कि उत्तराखंड जैसे विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य में सोशल मीडिया सूचनाओं के तुरंत आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस दौरान भाजपा महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, सह मीडिया प्रभारी अक्षत जैन, वरिष्ठ पत्रकार दर्शन सिंह रावत, सुशील रावत, संजय किमोठी, जिला महामंत्री योगेश रतूड़ी, कोषाध्यक्ष राजेश बड़थ्वाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष इंद्रदेव रतूड़ी, उपाध्यक्ष केएस बिष्ट, संगठन मंत्री दरबान सिंह, सांस्कृतिक सचिव किशोर रावत, राजू पुशोला समेत अन्य पत्रकार मौजूद रहे।