मसूरी के बुडस्टॉक स्कूल में 27-28 सितंबर को भारत की पहली अंतर्राष्ट्रीय वैल-बीइंग सम्म्लेनः पाथवेज़ टू फ़्लॉरिश होगा आयोजित
मसूरी के बुडस्टॉक स्कूल में 27-28 सितंबर को भारत की पहली अंतर्राष्ट्रीय वैल-बीइंग सम्म्लेनः पाथवेज़ टू फ़्लॉरिश होगा आयोजित
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
सुनील सोनकर
मसूरी।पहाडों की रानी मसूरी के वुडस्टॉक स्कूल में 27-28 सितंबर को भारत की पहली अंतर्राष्ट्रीय वैल-बीइंग सम्मेलनः पाथवेज़ टू फ़्लॉरिश आयोजित होगी। जिसमें शिक्षा में कल्याणकारी तत्वों के समावेश के लिए समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभायेगी। मसूरी में आयोजित पत्रकार वार्ता में वुडस्टॉक स्कूल के दृश्टि बाइसिन, विवके और बीनू थौमस ने बताया कि दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वैल-बीइंग कांफ्रेंस में 17 भारतीय राज्यों के 73 स्कूलों के 145 प्रतिनिधियों के अलावा नेपाल के एक स्कूल के प्रतिनिधि के कुल 232 प्रतिनिधि शामिल होगें। उन्होने कहा कि इस अद्वितीय मंच की परिकल्पना इस तरह की गई है कि स्कूलों में छात्रों के हित, मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक लचीलेपन को बढ़ाने वाली अभिनव नीतियों और रूपरेखाओं का पता लगाने का प्रयास हो सके। उन्होने बताया कि सम्मलेन में होने वाली चर्चाओं और संभाषणों से शिक्षकों, परामर्शदाताओं, मानसिक स्वास्थ्य और शोधकर्ताओं सहित समस्त प्रतिभागी लाभान्वित होंगे. इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य अगली पीड़ी के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने के लिए स्कूली समुदायों को ज़रूरी जानकारियों और उपकरणों की मदद से सशक्त बनाना है। सम्मेलन के प्रतिभागियों को उत्तराखंड के दूरदराज गाँवों की महिलाओं द्वारा बनाए गए हस्तनिर्मित बैग दिए जाएंगे । उन्होनेकहा कि वुडस्टॉक पर्यावरण की स्थिरता के लिए प्रतिवद्ध है, इसलिए अधिकांश मुद्रित सामग्री रिसाइकिल किये गए कागज से बनाई गई है और सूखे नारियल के पत्तों से कलम तैयार किए गए हैं। जो सम्मेलन में प्रयोग में लाये जायेगें।