त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन श्रीमहंत रघुवीर सिंह व श्रीमहंत गुरूबचन सिंह-श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह
संत समाज ने दी ब्रह्मलीन श्रीमहंत रघुवीर सिंह व श्रीमहंत गुरूबचन सिंह को श्रद्धांजलि
त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन श्रीमहंत रघुवीर सिंह व श्रीमहंत गुरूबचन सिंह-श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह
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शिव प्रकाश शिव
हरिद्वार। हरिद्वार औद्योगिक क्षेत्र स्थित रघुवीर बाग आश्रम के ब्रह्मलीन श्रीमहंत रघुवीर सिंह व ब्रह्मलीन श्रीमहंत गुरूबचन सिंह की पुण्य तिथी पर सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों ने उनका भावपूर्ण स्मरण करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए। आश्रम के परमाध्यक्ष श्रीमहंत प्यारा सिंह के संयोजन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के परमाध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन श्रीमहंत रघुवीर सिंह व श्रीमहंत गुरूबचन सिंह त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे। उनकी पुण्यतिथी पर उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए देश और समाज की सेवा का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन श्रीमहंत रघुवीर सिंह व ब्रह्मलीन श्रीमहंत गुरूबचन सिंह ने विभिन्न सेवा प्रकल्पों के माध्यम से संत महापुरूषों और साध संगत की सेवा एवं धर्म प्रचार में जो उल्लेखनीय योगदान किया। वह सदा स्मरणीय रहेगा और सभी को प्रेरणा देता रहेगा। श्रीमहंत प्यारा सिंह ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्य गुरूओं से प्राप्त ज्ञान और उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए आश्रम की सेवा संस्कृति को आगे बढ़ाना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति का संरक्षण करते हुए भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करने में ब्रह्मलीन श्रीमहंत रघुवीर सिंह व श्रीमहंत गुरूबचन सिंह ने अहम भूमिका निभायी। श्रीमहंत प्यारा सिंह के परम शिष्य सुरेंद्र सिंह ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर महंत निर्भय सिंह, स्वामी दिनेश दास, स्वामी हरिहरानंद, महंत मोहन सिंह, महंत सोहन सिंह, महंत खेम सिंह, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, महंत गंगादास, महंत साधनानंद, महंत गुरजीत सिंह, सरदार रमणीक सिंह सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष और श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।