पत्रकारिता के एक मजबूत स्तंभ सीमांत प्रहरी के संपादक हरबचन सिंह नही रहे
पत्रकारिता के एक मजबूत स्तंभ सीमांत प्रहरी के संपादक हरबचन सिंह नही रहे
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
सुनील सोनकर
हरिद्वार।उत्तराखंड में पत्रकारिता के एक मजबूत स्तंभ रहे सीमांत प्रहरी के संपादक हरबचन सिंह का गुरूवार दोपहर में निधन हो गया। उनके निधन का समाचार सुनकर पत्रकार जगत के साथ मसूरी में शोक की लहर दौड़ गई। उनके पुत्र डा जसप्रीत सिंह ने बताया कि अंतिम संस्कार हरिद्वार में ही किया जाएगा। पत्रकार हरबचन सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 81 वर्ष की उम्र में उनका देहांत हो गया। इन दिनों वे हरिद्वार में सपरिवार अपने पुत्र के साथ रह रहे थे। वे अपने पीछे एक पुत्र डा जसप्रीत सिंह, पत्नी रविंद्र कौर समेत भरापूरा परिवार छोड़ गए। उनके निधन पर मसूरी के पत्रकारों ने गहरा शोक व्यक्त किया। मसूरी के गणमान्य लोगों और सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया। बता दें कि पत्रकारिता के अलावा उन्होंने समाजसेवा में उल्लेखनीय कार्य किया। वे लंबे समय तक रोटरी मसूरी और तिलक मेमोरियल लाइब्रेरी और लंढौर श्री गुरू सिंह सभा से जुड़े रहे। उनके निधन पर तिलक लाइब्रेरी के अध्यक्ष आलोक मेहरोत्रा,सचिव राकेश अग्रवाल आदि ने शोक ने व्यक्त किया है। सीमांत प्रहरी के जरिए सरदार हरबचन सिंह पहाड़ के गांव-गांव से जुड़े हुए थे। जिस जमाने में दैनिक अखबारों का बोलबाला नही था। उन दिनों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल, हरियाणा और पंजाब में सीमांत प्रहरी जनता के ज्वलंत मुद्दों पर समाज का सही मायने में प्रहरी का काम करताथा। पत्रकारिता के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश पंजाब समेत विभिन्न राज्यों से सम्मानित किया गया था।