रामकुटी गोपाल बाबा ट्रस्ट में धूमधाम से मनाई गई स्वामी महावीर दास की पुण्यतिथि
शिव प्रकाश शिव
हरिद्वार। 21 दिसंबर 2024 को भूपतवाला स्थित रामकुटी गोपाल बाबा ट्रस्ट मे परम पूज्य गुरुदेव सतगुरु देव गोपाल बाबा स्वामी महावीर दास परमहंस जी महाराज की 15वीं पावन पुण्यतिथि बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ एक संत समागम में मनाई गई। इस अवसर पर बोलते हुए महंत नारायण दास पटवारी महाराज ने कहा वे लोग बड़े ही भाग्यशाली होते हैं जिन्हें गुरुजनों का सानिध्य प्राप्त होता है इस अवसर पर बोलते हुए श्री महंत दुर्गा दास महाराज ने कहा गुरु वचनों की पावनता मनुष्य के जीवन का उद्धार कर देते इस अवसर पर बोलते हुए महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा इस पृथ्वी लोक पर गुरु साक्षात ज्ञान रूपी गंगा है जो भक्तों को अपने पावन ज्ञान रूपी वचनों से भगवान की शरण की ओर ले जाते हैं इस अवसर पर बोलते हुए महंत सूरज दास महाराज ने कहा इस संसार में जो सुबह-शाम भगवान राम माता जानकी का सिमरन करता है उसके जीवन में कभी सुख शांति और समृद्धि की कमी नहीं रहती साथ ही संकट मोचन कृपा निधान वीर बजरंगबली हनुमान की उन भक्तों पर विशेष कृपा बनी रहती है इस अवसर पर बोलते हुए महंत राम मुनि महाराज ने कहा इस पृथ्वी लोक पर गुरु मनुष्य के सच्चे पथ दर्शन होते हैं वह भक्तों का मार्गदर्शन कर उन्हें कल्याण के मार्ग की ओर ले जाते इस अवसर पर बोलते हुए राम कुटी के महंत व्यवस्थापक दिनेश चंद वैष्णव दास महाराज ने कहा परम पूज्य गुरुदेव इस पृथ्वी लोक पर साक्षात ज्ञान का एक विशाल सूर्य थे उनके ज्ञान का प्रताप आज भी भक्तजनों के बीच उनके दिए गए ज्ञान के रूप में विद्यमान है सतगुरु इस पृथ्वी लोक पर साक्षात ईश्वर के प्रतिनिधि के रूप में अवतरित होते हैं जो भक्तों को धर्म कर्म के माध्यम से उनके जीवन को कल्याण की ओर अग्रसर करते हुए उनका लोक और परलोक दोनों सुधार देते हैं इस अवसर पर महामंडलेश्वर अनंतानन्द महाराज महामंडलेश्वर चिद विलासानंद महाराज बाबा हठ योगी महाराज महंत , नारायण दास पटवारी श्री दिनेश चंद्र थपलियाल वैष्णो दास महंत कृष्ण मुरारी महाराज पंजाबी बाबा महंत दुर्गादास महाराज महंत रघुवीर दास महाराज महंत सूरज दास महाराज महंत रवि देव महंत राम मुनि महाराज कोतवाल कमल मुनि महाराज धर्मदास महाराज श्याम गिरी महाराज देहरादून बाबा रमेशानन्द अभिनव थपलियाल संजय जैन विजय कुमार पवन कुमार गंगाराम कमल बिहार चौरसिया श्री चंद्र मोहन सुंदरीयाल सहित बहुत से संत महापुरुष तथा भक्तजन उपस्थित थे।