मसूरी में मई दिवस पर मजदूर का हल्ला बोल, सरकार के सामने रखी कई मांगें
सुनील सोनकर
म्सूरी में मई दिवस पर मसूरी टेड यूनियन समन्वय समिति के तत्वाधान में मसूरी में विशाल रैली निकाली कर पूर्व सभी मजदूर संग्गठनो द्वारा 1886 में श्रमिकों कर षहादत को श्रद्वाजलि देकर याद किया गया। लंढौर गुरूद्वारा चौक से बड़ी संख्या में श्रमिकों ने ट्रेड यूनियन समन्वय समिति और मसूरी होटल रेस्टोरेंट कर्मचारी संध के तत्वाधान में विषाल रैली निकाली जिसमें मई दिवस के अमर हीदों को लाल सलाम एवं दुनिया के मजदूरों एक हो के नारे के साथ ही समस्याओं से संबंधित नारे बाजी करने विभिन्न संगठनों के श्रमिक पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन पर लंढौर बाजार, कुलड़ी बाजार, मालरोड, षहीद स्थल होते हुए गांधी चौक तक गये व वहां पर आम सभा की। सभा को संबोधित करते हुए श्रमिक नेताओं ने केंद्र की भाजपा सरकार व प्रदेष की कांग्रेस सरकार पर श्रमिक विरोधी होने का आरोप लगाया वहीं कहा कि लगातार श्रमिकांे अत्याचार किया जा रहा है। श्रमिक नेताओं ने श्रमिकों का आहवान किया कि वे श्रमविरोधी सरकारों के खिलाफ लामबंद होकर लड़ाई लड़ें। इस मौके पर मांग की गई कि होटल, स्कूल कर्मचारियों का वेतन 22000 किया जाय, भवन निर्माण मजदूरों की दैनिक मजदूरी 1000 रूप्ये की जाय, श्रम कानूनों पर छेड़छाड़ पर रोक लगाई जाय, सस्ती दरों पर आवास उपलब्ध कराये जायें व कालोनियों का निर्माण किया जाये, नजूल की भूमि के पटटे श्रमिकों को आवंटित किए जायें, ईएसआई के बिलों का भुगतान 15दिनों के अंदर किया जाय एवं होटलों स्कूलों में जांच कर अंषदान कटौती के लिए कठोर कार्रवाई की जाय, रिक्षा बोझा श्रमिकों के किराये एवं मजदूरी में बढोत्तरी की जाये। इस मौके पर मजदूर नेताओं ने केन्द्र कि मोदी और राज्य की पुष्कर सिंह घामी कर सरकार को मजदूर विरोधी बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव के दौरान मजदूर के हितो को लेकर कई वायदे कर अच्छे दीन के सपने दिखाये थे परन्तु सत्ता हासिल करते ही मोदी जी अपने सारे वायदे भूल गये और मजदूरों का शोषण करना प्रराम्भ कर उद्योगपतियों को फायदा पहुचाना के लिये काम करने लगे । उन्होने कहा कि अगर सरकार द्वारा जल्द मजदूरों के हितों की रक्षा करते हुए उनकी मांगों को नहीं माना गया तो जल्द पूरे देश में सभी मजदूर संगठन लांमबा होगे और सरकार के खिलाफ उग्र प्रर्दशन करेगे।