सबसे छोटी योगिनी ने दिव्यांग बच्चों को योगासन कराकर बनाया इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड
पीयूष चौहान
हरिद्वार/दिल्ली: शरीर , मन और आत्मा को नियंत्रित करने में योग मदद करता है। शरीर और मन को शांत करने के लिए यह शारीरिक और मानसिक अनुशासन का एक संतुलन बनाता है। यह तनाव और चिंता का प्रबंधन करने में भी सहायता करता है और आपको आराम से रहने में मदद करता है। योग आसन शक्ति, शरीर में लचीलेपन और आत्मविश्वास विकसित करने के लिए जाना जाता है। यूं तो विश्व भर में योग का एक अपना अस्तित्व है किंतु प्राचीन सनातन सभ्यता में योग का महत्व अत्यधिक देखने को मिलता था किंतु धीरे धीरे भारत में ही नही अपितु समूचे विश्व में युवा पीढ़ी भी योग की ओर अग्रसर दिखाई पड़ रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण है दिल्ली की वान्या शर्मा। वान्या शर्मा अभी 4 वर्ष की हैं और जब वह 2 वर्ष की थीं तब से योग कर रही हैं।
मई 2022 में 4 वर्ष 4 माह व 14 दिन की वान्या ने दिव्यांग बच्चों को योगासन सीखा कर अपने नाम किया इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड। इससे पहले भी योग में 5 रिकार्ड वह बना चुकी हैं जिनमे इंटरनेशन,एशिया,इंडिया ,जीनियस व योगा बुक ऑफ रिकॉर्ड्स हैं शामिल। स्वामी रामदेव जी व आचार्य बालकृष्ण जी भी वान्या की प्रतिभा को दे चुके हैं सम्मान। वान्या शर्मा विशाल भारती पब्लिक स्कूल पश्चिम विहार में पढ़ती हैं।आयुष मंत्रालय की ओर से भी योग वोलंटियर का प्रशस्ति पत्र प्राप्त कर चुकी हैं।