बच्चों ने दी जलियांवाला बाग की प्रस्तुति आंखें हो गई नम याद आ गई रणबांकुरे की स्मृति.
अंशु वर्मा / गीतेश अनेजा
"आँधी थी वो जुल्म की, बुझते रहे चिराग,
बैसाखी को याद है, जलियांवाला बाग"
द् विज़डम ग्लोबल स्कूल में जलियांवाला बाग नाटक का मंचन
हरिद्वार। द् विज़डम ग्लोबल स्कूल की प्रार्थना सभा में भारत के इतिहास की खूनी दास्ताँ जलियांवाला बाग की भावनात्मक नाट्य प्रस्तुति की गई। बच्चों ने उस दर्दनाक घटना को बहुत सुन्दर ढंग से दर्शाया। मंच संचालन सान्वी जैन द्वारा किया गया। मौलिक जैन, अमन स्वरूप, अध्ययन अरोड़ा, अक्षज शर्मा, देव प्रताप, अभय चौहान, नीति जैन, अभिप्रिया माझी, लक्षान्या भट्ट ने अपने अपने किरदारों को बखूबी निभाते हुए सभी दर्शकों की आँखें नम कर दी। नाट्य प्रस्तुति का निर्देशन हिन्दी अध्यापिका ऋचा त्रिखा गुप्ता ने किया। प्रस्तुति के पश्चात प्रधानाचार्य जी श्री संजय देवांगन ने सभी को देशभक्ति निभाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमे अपने देश तथा उसके प्रति अपने प्रेम को सर्वोपरि रखना चाहिए।