श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा का वर्णन
शिव प्रकाश शिव
हरिद्वार। ५/४/२०२४ को भागिरथी नगर क्षेत्र स्थित नंकलक धाम में दिल्ली के टक्कर परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा का वर्णन करते हुए कथा व्यास नरेश भाई राजगुरु (मुंबई) कथाकार ने आज वामन अवतार , राजा बलि की कथा ,तथा राम कथा का वर्णन करते हुए कहा, हे राजन भगवत कथा श्रवण से मनुष्य को जीवित रहते हुए मुक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है । इस पर राजा परिक्षित ने कहा महात्म्न आपके द्वारा अब तक कथा श्रवण से मैं मृत्यु के भय से मुक्त हो चुका हूं । कृपा करके अब आप भगवान श्रीकृष्ण के समस्त जीवन की कथा का मुझे श्रवण करवायें। इस पर सुखदेव मुन्नी ने कहा अब में आपको दशम् शंकद की कथा का श्रवण करवाता हूं। भगवत् कथा के दशम् शंकद की कथा का वर्णन करते हुए कथा से पुर्व ने कथा से पुर्व श्रोताओं को बहुत ही सुंदर व मधुर भजन श्री हरि के भजनों के गुणगान करते हुए हरेश राज्य गुरु ने (ओ का न्हा अब तो आ जा ) सुनकर श्रोता भाव विभोर हो झुमने लगे।
कथा व्यास नरेश भाई राजगुरु ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की कथा का सुंदर वर्णन किया तथा कथा में श्रीकृष्ण वासुदेव की सुंदर झांकी निकाली गई। इस अवसर पर टक्कर परिवार के यज्ञमान भावेश भाई ने श्रीकृष्ण बने बालक का तिलक कर स्वागत किया । इस अवसर पर नंकलक धाम के सह संचालक संत विजय दास महाराज ने कथा व्यास नरेश भाई राजगुरु, हरेश राज्य गुरु, तथा की बोर्ड पर प्रशांत भाई,तबला वादक अशोक,ढोलक पर अमित व रवि भाई तथा समस्त टक्कर परिवार का शाल व पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया।