मसूरी में हर्षोल्लास से मनाया गया बैसाखी पर्व,राम सेवा समिति ने बांटा शरबत
सुनील सोनकर
मसूरी। पंजाबी समुदाय के लोगो ने बैसाखी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मसूरी ेु गुरुद्वारों में विशेष कीर्तन का आयोजन कर अरदास की गई व लंगर का आयोजन किया गया। मसूरी कांग्रेस महिला मोर्चा की अध्यक्ष जसबीर कौर ने सभी देशवासियों को बैसाखी पर्व की बधाई दी। उन्होने कहा कि बैसाखी महोत्सव का जबरदस्त धार्मिक महत्व है 1699 में बैसाखी के दिन दसवें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने पंथ खालसा-द ऑर्डर ऑफ द प्योर ओन्स की नींव रखी थी। उन्होंने आगे कहा कि बैसाखी महोत्सव सिख नव वर्ष और खालसा पंथ की स्थापना के रूप में मनाया जाता है। बैसाखी का इतिहास 1699 के बैसाखी दिवस समारोह से दसवें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह द्वारा आयोजित खालसा दृ अत्याचार और उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने के लिए संत सैनिकों का भाईचारा बनाने के लिए आयोजित किया गया था। उन्हेोने कहा कि बैसाखी महोत्सव की कहानी नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर की शहादत के साथ शुरू हुई, जिनका मुगल शासक औरंगजेब द्वारा सार्वजनिक रूप से सिर काट दिया गया था। औरंगजेब भारत में इस्लाम का प्रसार करना चाहता था और गुरु तेग बहादुर हिंदुओं और सिखों के अधिकारों के लिए खड़े हुए। वही दूसरी ओर राम सेवा समिति द्वारा मसूरी के ग्रीन चौक पर षरबत वितरण का कार्यक्रमकिया गया जिसमें भारी सख्या में लोगो ने प्रतिभाग किया। राम सेवा समिति के सदस्य राकेष ठाकुर ने बताया कि बैसाखी के पर्व पर समिति द्वारा राहगीरों व शहर के अन्य निवासियों को ठंडा शरबत पिला कर समिति ने अपने एक और सामाजिक कर्तव्य का निर्वहन किया। इस मौके पर भाजपा मंडल मसूरी पूर्व अध्यक्ष मोहन पेटवाल, कुशाल राणा, अरविंद सेमवाल, सतीष ढौंडियाल, गजेन्द्र सिंह, अमित भटट, दीपक वर्मा, आशीष जोषी, मदन मोहन शर्मा, उत्तम नेगी आदि मौजूद थे।