लावारिस लाशों का निशुल्क अंतिम संस्कार करती हैं क्रांतिकारी शालू सैनी
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पंकज राज चौहान
रुड़की। मुजफ्फरनगर में समाज सेवा का अनोखा रूप क्रांतिकारी शालू सैनी द्वारा दिखाया गया है।क्रांतिकारी शालू सैनी द्वारा समाज सेवा को अपना कर्तव्य समझकर किया गया और आज तक उसी तर्ज पर समाज सेवा करती आ रही हैं। क्रांतिकारी शालू सैनी लावारिसों को अपना नाम देकर विधि-विधान से अंतिम संस्कार करती हैं।
क्रांतिकारी शालू सैनी को हर रोज फोन आते हैं अंतिम संस्कार के लिए,जो या तो लावारिस होते हैं या फिर ऐसे परिवार वाले भी होते हैं जिनके पास अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे नहीं होते। क्रांतिकारी शालू सैनी ने बताया कि अब उनका फोन नंबर काफी अधिक वायरल हो गया है। अंतिम संस्कार के लिए हर रोज कई-कई डेड बॉडी आती हैंं,जिनकी वारिस बनकर विधि-विधान से वे अन्तिम संस्कार करती हैं। शालू सैनी ने कहा कि भगवान ने मुझको समाज सेवा की कसौटी पर उतारा है और मैं इस कसौटी पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगी। भगवान भेालेनाथ ने यदि मुझको इस कार्य के लिए चुना है तो हौंसला और हिम्मत भी वही दे रहे हैं,क्योंकि भगवान कभी अपने भक्तों का साथ नहीं छोड़ते। समाज सेवा के क्षेत्र में आज क्रांतिकारी शालू सैनी किसी परिचय की मोहताज नही हैं।लावारिसों की वारिस क्रांतिकारी शालू सैनी के नाम से जनपद के साथ साथ पडोसी जनपदों में भी प्रसिद्ध हो रही हैं।