सरस्वती विद्या मंदिर भेल में धूमधाम से हुआ राज्य स्तरीय कबड्डी/खो-खो प्रतियोगिता का शुभारंभ
अंजू सैनी/अंशु वर्मा
हरिद्वार। 23 अगस्त 2024 को सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज सेक्टर 2 रानीपुर भेल हरिद्वार में 36 वीं प्रांत स्तरीय कबड्डी / खो-खो प्रतियोगिता 2024 का आयोजन का प्रारंभ धूमधाम से किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भुवन जी (प्रांत संगठन मंत्री विद्या भारती उत्तराखंड), महंत रवींद्र पुरी जी महाराज (महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव तथा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष) , डॉ रजनीकान्त शुक्ला(मंत्री भारतीय शिक्षा समिति उत्तराखंड प्रांत), डॉ विजयपाल सिंह जी (प्रदेश निरीक्षक उत्तराखंड), नत्थी लाल बंगवाल जी(सम्भाग निरीक्षक गढ़वाल ), अजय शर्मा जी(विद्यालय प्रबंधक),सुरेशानंद जोशी(संभाग निरीक्षक कुमाऊँ) तथा विद्यालय के प्रधानाचार्य लोकेन्द्र दत्त अंथवाल जी ने सामुहिक रूप से सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन द्वारा किया ।
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज मसूरी के प्रधानाचार्य मनोज रयाल जी ने कार्यक्रम का संचालन किया । कार्यक्रम में बच्चों ने सरस्वती स्तुति नृत्य नाटिका प्रस्तुत की । डॉ रजनीकांत शुक्ला जी ने बच्चों को संबोधित करते हुए विद्या भारती के स्वरूप का वर्णन किया आपने बताया इस भारत में कुल 776 जिले हैं जिसमें से 682 जिलों में कुल 20563 विद्या भारती के विद्यालय चलते हैं । 2007 में विद्या भारती संस्था, स्कूल गेम फेडरेशन ऑफ इंडिया की सदस्य बनी। आपने खेलों के महत्व के बारे में बताया आपने कहा कि खेल व्यक्ति को स्वस्थ रखता है। यह हमें शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है और इसके साथ-साथ हमारा मानसिक विकास भी करता है। खेल खेलने से हमारी प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास होता है और कईं बीमारियाँ हमारे पास भी नहीं आती है। खेल खेलने से बच्चों में प्रेम भाव बढ़ता है और उनका सामाजिक विकास भी होता है। कार्यक्रम में बहिनों द्वारा किया गया गरबा नृत्य ने सबका मन मोह लिया।
कार्यक्रम में महंत रविंद्र पूरी जी ने कहा कि भारत सरकार भी कुछ सालों से खेल में विशेष ध्यान दे रही है और उत्तराखंड तो खेल भूमि रही है यहां सारे वेद रचे गए यहां पर गंगा यमुना सरस्वती का उदगम भी उत्तराखंड ही है। ऐसी देवभूमि पर हमारा जन्म हुआ है यह बहुत सौभाग्य की बात है । आपने कहा कि खेल ही समरसता, प्रेम , ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ जीवन जीने के मूल्य विकसित करता है। खेल,छात्रों को चुस्त और दुरुस्त रखता है।
विद्यालय के प्रधानाचार्य जी ने कहा कि खेल एक अद्भुत अवधारणा है जो लोगों के जीवन को बेहतर बनाती है। छात्रों को विशेष रूप से उन खेलों में भाग लेने की आवश्यकता है जो उन्हें मजेदार लगते हैं क्योंकि खेलों में भाग लेने से न केवल उन्हें अपने शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिलेगी बल्कि उन्हें अच्छी तरह से सामना करने और अध्ययन करने के लिए मानसिक ऊर्जा भी मिलेगी। खेल खेलने से छात्र मस्तिष्क में सेरोटोनिन और अन्य रसायन छोड़ते हैं और इस परिश्रम के कारण वे हर दिन अधिक तरोताजा महसूस करेंगे। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रबंधक अजय शर्मा जी ने कहा कि खेल फिट रहने और स्वस्थ और सकारात्मक जीवन जीने में मदद करेगा। खेल भी स्थिर और स्वस्थ मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आपने उपस्थित सभी आचार्य आचार्य और भैया बहनों का विद्यालय प्रांगण में उपस्थित होने पर धन्यवाद और आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।