संस्कृत भारती हरिद्वार में आयोजित करेगा तीन दिवसीय अखिल भारतीय संगोष्ठी
कुलदीप शर्मा
हरिद्वार। संस्कृत भारती ने 1981 में संस्कृत में सम्भाषण के संकल्प के साथ अपना काम शुरू किया। और 43 वर्षों से उनका कार्य आज भी जारी है। संस्कृत भारती पूर्णतः समाज के सहयोग से चलने वाली एक गैर सरकारी संस्था है। वर्तमान समय में संपूर्ण भारत सहित विश्व के 27 देशों में संस्कृत की पुनर्स्थापना के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। संस्था द्वारा चलाये जा रहे सैकड़ों-हजारों संभाषण शिविरों के अभियान से आज करोड़ों लोग संस्कृत बोलते हैं और 06 गांवों में संस्कृत में बातचीत शुरू हो गयी है।
प्रथम चरण में 10 वर्षों में संस्कृत संभाषण शिविरों के माध्यम से लाखों लोगों को संस्कृत में संभाषण करने का प्रशिक्षण दिया गया। दूसरे चरण में संस्कृत भारती के संगठन का कार्य बढ़ा। तीसरे चरण में कैडर निर्माण और चौथे चरण में संस्कृत भाषा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सम्भाषण आंदोलन चलाया गया । और वर्तमान में अब हम देश और दुनिया के कल्याण के लिए सोचने के पांचवें चरण में हैं। यह भारत के लिए स्वर्ण युग है, अब समय संस्कृत भाषा के विकास और पुनरुद्धार का है। इसलिए सभी कार्यकर्ता देश हित और विश्व कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं।
संस्कृत के प्रति जन जागरूकता एवं संस्कृत गतिविधियों के विस्तार के दृष्टिगत संस्कृत भारती द्वारा देवभूमि उत्तराखंड में पवित्र मां गंगा के तट पर एक अखिल भारतीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें लगभग 1000 स्थानीय विद्वान, कार्यकर्ता एवं विभिन्न देशों के अखिल भारतीय पदाधिकारी शामिल होंगे। राज्य भाग लेते हैं। संस्कृत भारती ने सेमिनार को सफल बनाने के लिए इस दिव्य कार्य में तन, मन और धन से आवश्यक जन सहयोग का भी अनुरोध किया है। साथ ही परिवार के सभी सदस्यों एवं इष्ट मित्रों से सविनय अनुरोध है के संस्कृत भाषा का गौरव बढ़ाने हेतु सम्मिलित होंगे।
इस अवसर पर, संस्कृत भारती एक विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन करेगी और वस्तुओं, साहित्य आदि का प्रदर्शन करेगी। अखिल भारतीय संगोष्ठी का उद्घाटन 14 सितंबर 2024 को सुबह 9:30 बजे गीता कुटीर, हरिपुर कला, हरिद्वार, श्री व्यास मंदिर के पास होगा। . जहां संस्कृत भारती के पिछले वर्ष के प्रयासों की समीक्षा की जाएगी। यहां सुबह से रात तक संस्कृत में काम होगा। दूसरे दिन आगामी गतिविधियों की योजना बनाई जायेगी। संस्कृत संगोष्ठी का समापन 16 सितम्बर 2024 को सायं 5:00 बजे होगा। संस्कृत को जन-जन की भाषा बनाये जाने और सर्वत्र संस्कृत को सब जगह पहुंचाने तथा संस्कृत को राष्ट्रभाषा बनाने और भारत को संस्कृत से विश्वगुरु तथा विश्व में शांति और कल्याण लाने हेतु विचार मन्थन होगा।
गोष्ठी में धनविषयक व्यवस्था हेतु उत्तराखंड के विभिन्न जनपद स्तर एवं ब्लॉक स्तर पर व्यवस्थाओं पर आवश्यक सेमिनार भी आयोजित किये गये। संस्कृत भारती हरिद्वार में तीन दिवसीय अखिल भारतीय संगोष्ठी आयोजित होगी । विद्वानों की संगोष्ठी 14, 15 एवं 16 सितंबर को श्री व्यास मंदिर, गीता कुटीर, हरिपुरा कलां हरिद्वार के पास आयोजित की जाएगी। कार्यकर्ताओं ने सेमिनार के लिए संस्कृत कार्य के प्रति दृढ़ संकल्प लिया और साथ ही सेमिनार में लगने वाली संस्कृत प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी जो कि प्रभावी होगी तथा भावी योजनाओं पर विविध विचार-विमर्श किया जायेगा।
1981 से चल रहे संस्कृत भारती के कार्य का विस्तार होता रहेगा। संस्कृत भारती 43 वर्ष के सम्भाषण आंदोलन से यहां भी लोग संस्कृत में बातचीत को लेकर मंथन करेंगे। अखिल भारतीय सम्मेलन में विभिन्न राज्यों से हजारों कार्यकर्ता भाग लेंगे. वहीं, सम्मेलन में दोनों देशों और क्षेत्रों के संस्कृत विद्वान और मंत्री भाग लेंगे। संगोष्ठी में संस्कृत भारती से जुड़े युवा, वृद्ध, महिलाएं और बच्चे भी भाग लेंगे। सेमिनार की तैयारी के लिए कार्यकर्ताओं का प्रतिबद्ध कार्य शीर्ष स्तर पर जारी है। फिर संस्कृत भारती को सभी प्रकार के कार्य करने के लिए विभिन्न उत्तरदायित्व वाले विभाग आवंटित किये गये हैं।