श्रीनगर क्षेत्र के विकास हेतु गंभीर चिंतन मनन जरूरी
श्रीनगर क्षेत्र के विकास हेतु गंभीर चिंतन मनन जरूरी सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल। देवभूमि की ऐतिहासिक नगरी सुबाहु की राजधानी व श्रीयंत्र के नाम से प्रख्यात नगरी श्रीनगर को उत्तराखंड के गढ़वाल मण्डल की केंद्र स्थली होने का गौरव प्राप्त है। गढ़ नरेशों की राजधानी होने का भी इसे सौभाग्य प्राप्त है। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में सबसे अधिक सुविधायुक्त यह शहर अब महानगर बन गया है। एनआईटी,केन्द्रीय विश्वविद्यालय,पालीटेक्निक,आईटीआई,मेडिकल कॉलेज,कौन सा शिक्षण संस्थान नहीं है यहां आधुनिकता सम्पन्न बाजार,श्री कमलेश्वर भगवान की स्थली,नाथ संप्रदाय का प्रमुख स्थान,जिसका शहर प्लान ही अनोखा है। इस शहर की तस्वीर तेजी से बदल रही है। पुरानापन खोने लगा है नयापन अस्तित्व में आ गया है। विकास उन्नति के पथ पर अग्रसर इस शहर में पानी,अपशिष्ट निकासी,कूड़ा निस्तारण,मेडिकल,अनियंत्रित विकास,पुराने समाजिक रीति-रिवाज की अवनति,खेलकूद मैदान-पार्क,बस पार्किंग,आदि कई समस्याएं भी तेजी से बढ़ी हैं। इन्हीं सब विषयों पर एक गंभीर चिंतन की अत्यंत आवश्यकता को महसूस करते हुए शहर के वरिष्ठ सम्मानित नागरिकों ने उक्त विषयों के मध्यनजर शीघ्र ही एक वृहद विचार गोष्ठी आयोजित की जायेगी। जिसके लिए विपरो संस्थापक डॉ.शंकर काला को अधिकृत किया गया है। विज्ञप्ति जारी करने वाले मोहनलाल जैन,भगवती प्रसाद घिल्डियाल,डॉ.शंकर काला ने विचार गोष्ठी में अधिकतम बुद्धिजीवियों को आमंत्रित करने का प्रस्ताव रखा। गोष्ठी का आयोजन शीघ्र ही किया जायेगा।