राज्य आंदोलनकारी देवेंद्र भट्ट का लम्बी बीमारी के बाद निधन, शहर में शोक की लहर
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
सुनील सोनकर
उत्तराखंड राज्य के निर्माण के लिए अपनी अहम भूमिका निभाने वाले राज्य आंदोलनकारी और सीपीआई के आजीवन सदस्य 77 वर्षीय देवेंद्र भट्ट का लंबी बीमारी के बाद बुधवार को सुबह उनके मसूरी लाइब्रेरी स्थित निवास में निधन हो गया। जिसके बाद मसूरी में शोक की लहर दौड़ गई। राज्य आंदोलनकारी देवेंद्र भट्ट की अंतिम यात्रा में मसूरी के कई राजनीतिक सामाजिक संगठनों के लोगों के साथ स्थानीय लोग शामिल हुए वहीं सीपीआई के कार्यकर्ताओं ने देवेंद्र भट्ट के शव पर पार्टी का लाल झंडा डाल कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। मजदूर नेता आरपी बडोनी ने बताया कि राज्य आंदोलनकारी देवेंद्र भट्ट द्वारा मजदूर हितों के लिए लंबी लड़ाई लडी व इस दौरान उनको कई बार पुलिस की यातनाओं के साथ गिरफ्तारी भी दी गई। उन्होंने बताया कि देवेंद्र भट्ट द्वारा मसूरी के पर्यटन या अन्य बैठकों में बढ़ चढ़कर भाग लिया जाता था और मसूरी के हित के साथ मजदूरों के हितों के लिए बेबाग तरीके से अपनी बात रखी जाती थी। देवेंद्र भट्ट किसी भी अधिकारी से अपनी बात कहते हुए गुरेज नही करते थे । देवेंद्र भट्ट द्वारा 1992-93 हाथ रिक्शा उन्मूलन आंदोलन में अपनी योगदान देते हुए हाथ रिक्शा को समाप्त किया गया और मजदूरों कवो साइकिल रिक्शा भाई दिलवाये गए। उनके द्वारा हाल में शिफन कोर्ट के मामले में भी सक्रिय भूमिका निभाई गई ।उनका यह कहना था कि सरकार द्वारा मसूरी देहरादून रोपवे करोड़ों रुपए खर्च किया गया परंतु शिफन कोर्ट में रह रहे 84 परिवारों को बेघर कर दिया गया इसको लेकर भी उन्होंने लगातार अपनी आवाज उठाई।राज्य आंदोलनकारी देवेंद्र भंट्ट के निधन पर उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, देवी प्रसाद गोदियाल, जयप्रकाश उत्तराखंडी, पूरण जुयाल, शूरवीर सिंह भंडारी, सतीश कुमार ,धनेंद्र सिंह पुंडीर, भंगवान सिंह धनाई, भगवान सिंह रावत, सुभाषिनी बत्र्वाल,, पूर्व विधायक जोत ंिसह गुनसोला, पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल, व्य ा रजत अग्रवाल, मजदूर नेता आरपी बडोनी, सोबन सिंह पंवार, कमल कैंतुरा, रमेश भंडारी, पवन थलवाल, भाजपा मसूरी मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल आदि ने गहरा दुख व्यक्त कर आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।