प्रदेश में पहली बार उगाया गया काला चना
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उत्तराखंड में कृषि के क्षेत्र में हमेशा कुछ नया नवाचार करने वाले नरेंद्र सिंह मेहरा ने एक बार फिर प्रदेश में पहली बार काले चने की खेती कर एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली है। ये चना दूसरे चनों की अपेक्षा काफी पौष्टिक बताया जा रहा है। लगातार सोशल मीडिया पर सर्च करने के बाद मेहरा इसका बीज राजस्थान से लेकर आए।
उन्होंने बताया कि वे पारंपरिक खेती करते थे। उन्होंने खेती के ऐसे नवाचारों को तलाशा जिसमें वे कुछ नया कर सकें और अपनी आमदनी भी बढ़ा सके। खेती की जानकारी एकत्र करने के दौरान उन्हें काले चने के बारे में पता लगा। अमूमन जो चना हो रहा है उसका रंग लाल-पीला होता है। लोग पेट की गैस की गड़बडी के चलते चने से परहेज भी करते है। वहीं यह काला चना उच्च प्रोटीन युक्त है। उन्होंने बताया कि वह मात्र एक किलोग्राम काले चने से बीज तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने इसकी पूरी जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ विजय कुमार दोहरे को दी है। उन्होंने इंदौर की किसान से यह बीज राजस्थान मैं प्राप्त किया था।
यह किस्म उत्तराखंड के भावरी एवं मैदानी क्षेत्रों सहित मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात एवं छत्तीसगढ आदि राज्यों के लिए उपयुक्त है।
*नरेंद्र की इस उपलब्धि को सराहा मुख्य कृषि अधिकारी एवं कृषि वैज्ञानिक ने*
हम आमतौर पर जिस देसी चने का इस्तेमाल करते हैं उसी को काला चना कहा जाता है यह लाल या पीले छिलके का होता है। उत्तराखंड में अभी तक काले छिलके का चना नहीं बोया जाता था। नरेंद्र मेहरा का प्रयास सराहनीय है।
*धनपत कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी नैनीताल*
उत्तराखंड में अभी तक देसी काले चने की खेती करने का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। यह पहला मामला है। कृषि की दृष्टि से बहुत ही अच्छी बात है। हम किसान नरेंद्र मेहरा के इस बीज का रजिस्ट्रेशन करने के साथ-साथ इसकी टेस्टिंग भी करवाएंगे।
*डॉ विजय कुमार दोहरे, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं केंद्र प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र ज्योलीकोट, नैनीताल*
*सेहत का खजाना है काला चना*
काला चना खाने से सेहत को होते हैं ये फायदे
काले चना फोलेट्स, आहार फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कॉपर, आयरन और फॉस्फोरस से भरपूर है। ये त्वचा के लिए फायदेमंद है। इसके साथ ही चने के पानी से चेहरा धोने से चेहरे पर चमक आती है।
काले चने को अपनी डाइट में शामिल नहीं करते हैं, तो जरूर करें। यह काफी हेल्दी होता है। काला चना रेशेदार होता है और इसमें वसा भी कम होता है। विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है। काला चना से आप परफेक्ट बॉडी शेप पा सकते हैं। इसके अलावा, इसके ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होते हैं। काले चने को खाने से क्लोरोफिल, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन डी और के साथ ही फॉस्फोरस, पोटैशियम, मैग्नीशियम की आवश्यकता पूरी हो जाती है। जानें, काला चना खाने के फायदे क्या-क्या हैं...
काला चने का फायदा यह भी दर्शाता है कि इससे आपके शरीर को उर्जा मिलती है। आपको बता दें कि चना खाने से ऊर्जा मिलती है। यदि आप चने को गुड़ के साथ लेते हैं तो ये और अधिक फायदा करेगा।
फाइबर से भरपूर काला चना पाचन क्रिया के लिए विशेष फायदेमंद होता है।आप रातभर भिंगोकर रखे गए चने को खाने से कब्ज की समस्या में लाभ मिलता है। साथ ही जिस पानी में चने को भिगोया गया हो उस पानी को फेंकने के बजाय पीने से भी फायदा होगा।
*फायदेमंद है काले चने की खेती*
काला चना की खेती भी सामान्य चने की खेती की ही तरह होती है। एवं उन सभी जगह इसकी खेती की जा सकती है जहां अन्य चने की खेती होती है।
2 इसकी बोने के लिए बीज दर प्रति एकड 30 किलो होती है।
3 मिट्टी के हिसाब से 1 या 2 सिचाई में ये पककर तैयार हो जाती है। समयावधि अन्य चने के समान ही होती है।
4 उत्पादन प्रति एकड लगभग 8 से 10 क्विंटल होता है।
जो की लगभग सामान्य चना की फसल के बराबर ही होता है।
5 अगर बात करे इसकी किमत की तो बाजार मे अभी इसकी उपलब्धता ना के बराबर होने से इसकी कीमत अन्य चने से ज्यादा होगी।
पोषण तथ्य
1 काला चना फोलेट्स, फायबर, उच्च मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, कापर, आयरन और फास्फोरस से भरपूर होता है।
2 इसके सेवन से क्लोरोफिल, विटामिन.ए, बी , सी और डी, और फास्फोरस, पोटेशियम, मेग्नीशियम की आवश्यकता पूरी होती है।
3 काला चना एंटी आक्सीडेंट, एन्थोसायनीन, फायटो न्यूट्रिएन्ट्स और एएलए से भरा है।
4 ऊर्जा बढाने के साथ ही त्वचा, बाल, तनाव, हृदय स्ट्रोक, कोलेस्ट्रॉल, डायबीटीज एवं कब्ज आदि में फायदेमंद है।
5 उच्च मात्रा में प्रोटीन होने के कारण ज्यादातर इसका उपयोग जीम जाने वाले करते है। जिससे परफेक्ट बॉडी शेप भी पा सकते है।