भगवान परशुराम ने राक्षसों का वध कर हर प्राणी मात्र की रक्षा करी - पं० अधीर कौशिक
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मनोज ननकानी
हरिद्वार, दिनांक 14 मई को श्री अखंड परशुराम अखाड़ा और श्री पंच अग्नि अखाड़ा ने परशुराम जयंती धूमधाम से मनायी। कोविड नियमों के तहत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए संतों महंतों ने भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम के जन्मोत्सव पर पूर्ण विधि विधान के साथ ब्रह्मा, गणेश, विष्णु भगवान, भगवान शंकर, अश्वत्थामा, राजा बलि, महर्षि वेदव्यास, हनुमान, लंकापति विभीषण, कृपाचार्य, मार्कण्डेय ऋषि, मां गंगा व गायत्री माता की पूजा अर्चना व जप कर देश दुनिया से कोरोना का प्रकोप दूर करने की कामना की। इस अवसर पर पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम ने जीवन भर न्याय के लिए संघर्ष किया। राक्षसों व दानवों का वध कर उन्होंने मानवता की रक्षा की। सभी को उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते मानव कल्याण के लिए सदैव प्रत्यनशील रहना चाहिए। श्रीमहंत साधनानंद महाराज ने कहा कि ब्राह्मण शिरोमणी महान पितृभक्त चिरंजीवी परशुराम ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए सदैव मानव कल्याण में योगदान किया। सभी को उनके आदर्शो से प्रेरणा लेकर मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। स्वामी रूद्रानंद महाराज व स्वामी प्रयागराज गिरी ने कहा कि संत समाज सदैव ही विश्व कल्याण की कामना करता है। भगवान परशुराम ने आसुरी शक्तियों का विनाश कर मानव कल्याण में योगदान किया। जन-जन के आराध्य भगवान परशुराम के जीवन युवा वर्ग को प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर श्रीमहंत कमलानंद ब्रह्मचारी, आचार्य जयदीप शास्त्री, शुक्ला नंद ब्रह्मचारी, आचार्य लक्कड वाले, आचार्य चतुर्भुजा नंद अग्निहोत्र, शीतला प्रसाद उपाध्याय, शीतल प्रसाद, चमन गिरी, सूरज शर्मा, पंच अग्नि अखाड़ा के नागा बाबा पुष्कर वाले आदि शामिल रहे।