एनडीआरएफ,एसडीआरएफ और फायर सर्विस के जवानों ने किया मॉक ड्रिल
एनडीआरएफ,एसडीआरएफ और फायर सर्विस के जवानों ने किया मॉक ड्रिल
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
सुनील सोनकर
मसूरी।मसूरी में आपदाओं से निपटने के लिए भट्टा फॉल रोपवे पर विभिन्न आपदा से जुडे़ विभागों ने मॉक ड्रिल कर अपनी तैयारियों को परखा। इस दौरान रोपवे खराब होने पर फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने का साहसिक प्रदर्शन किया गया। ताकि जरूरत पड़ने पर आपदा से जुड़े विभाग तत्काल बचाव व राहत कार्य चला सकें व जान माल की हानि होने से बचा सकें। इस दौरान लोगों को प्रशिक्षित भी किया गया। भटटा फॉल रोपवे के माध्यम से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल पुलिस, फायर सर्विस, नगर प्रशासन, जल निगम चिकित्सा विभाग आदि की टीमों ने संयुक्त रूप से आपदा बचाव व राहत कार्य का मॉक ड्रिल किया। जिसमें रोपवे में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। मसूरी फायर सर्विस इचार्ज धीरज तडियाल ने बताया कि संयुक्त मॉक ड्रिल किया गया ताकि सभी आपदा से जुड़े विभागों ने आपदा के समय किस तरह बचाव व राहत का कार्य करेंगे। इसके एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सिविल पुलिस, फायर सर्विस, नगर प्रशासन, जल निगम, उपजिला चिकित्सालय आदि के सदस्यों ने आपदा के समय अपने कार्यों को कुशलता पूर्वक किया वहीं सभी ने अपनी तकनीकि का प्रयोग किया जिससे अन्य को सीखने का अवसर भी मिला। इसमें दिखाया गया कि अगर रोपवे रूक जाये तो किस प्रकार बचाव कार्य किया जा सके इसके सभी विभागों ने अपनी तकनीक के अनुसार ऑपरेशन किया। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, लोकल पुलिस और फायर सर्विस के जवान चौबीसों घंटे तैयार रहती है। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा से निपटने के लिए हर तरह की तैयारी की जाती है। वहीं इस मौके पर रोपवे संचालक शूरवीर रावत ने बताया कि रोपवे के संचालन में कोई कमी नहीं रखी जाती हर दिन रोप, इंजन व अन्य उपकरणों की जांच की जाती है वहीं हर 15 दिनों में स्टॉफ के लोग मॉक ड्रिल करते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा सके। लेकिन इस बार आपदा से जुड़े बल के जवानों ने मॉक ड्रिल किया जिससे सीखने को मिला। बता दे कि विगत वर्ष झारखण्ड राज्य के देवघर में त्रिकूट पहाड़ रोपवे हादसा अत्यंत दुखद था। उन्होंने बताया कि उक्त दुर्घटना के उपरान्त प्रदेश में इस प्रकार की घटनाओं के न्यूनीकरण के लिये समय समय पर मॉक ड्रिल आयोजित की जाती रही है, जिसमें बल द्वारा प्रतिभाग कर अपनी कार्यदक्षता एवम कुशलता को निरन्तर बढ़ाया जाता है।