देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री से मिलती हैं सादगी पूर्ण जीवन जीने की सीख
देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री से मिलती हैं सादगी पूर्ण जीवन जीने की सीख
लेखक : डॉ ज्योति प्रसाद गैरोला
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
सचिन शर्मा
हरिद्वार।सादगी पूर्ण जीवन जीने की सीख मिलती है। देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री उत्तर प्रदेश के मुगलसराय ( अब प. दीनदयाल उपाध्याय नगर में पैदा हुए। उनके नेतृत्व में देश ने 1965 की जंग में पाकिस्तान को करारी मात दी।थी, उन्होने नारा दिया। जय जवान जय किसान,वह शन्ति समझौते के लिए ताशकंद गए थे, जहां उनका निधन हो गया। भारत रत्न से सम्मानित लाल वहादुर शास्त्री जी के आने बाले जन्मदिन दुधवार के मौके पर पेश है 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान शास्त्री जी ने मजबूत नेतृत्व दिखाया ,और सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए देश में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए शास्त्री जी ने हरित क्रान्ति का समर्थन किया जिसने कृषि उत्पादन में भारी वृद्धि की, (विनम्र सहनशील महान आंतरिक शक्ति और दृढ संकल्प वाले) वे लोगों के बीच रहने वाले व्यक्ति थे।दूरदर्शी व प्रगति ओर अग्रसर देश को किया शास्त्री जी महात्मा गांधी के राजनीतिक शिक्षाओं से वहुत प्रभावित थे।लाल बहादुर शास्त्री के बारे में कुछ बातें:
लाल बहादुर शास्त्री, भारत के प्रधानमंत्री थे और उन्होंने 1964 से 1966 तक इस पद पर रहकर देश की सेवा की.
शास्त्री जी ने देश में खाद्य उत्पादन बढ़ाने के लिए हरित क्रांति और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए श्वेत क्रांति को बढ़ावा दिया.
उन्होंने किसानों के जीवन को बेहतर बनाने और देश में भोजन की कमी को दूर करने पर काम किया.
शास्त्री जी ने नेहरू की गुटनिरपेक्षता की नीति को जारी रखा, लेकिन सोवियत संघ के साथ भी संबंध बनाए.
शास्त्री जी ने 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान सुरक्षा बलों को जवाबी कार्रवाई करने की आज़ादी दी थी. शास्त्री जी के बारे में कुछ और बातें:
शास्त्री जी ने असहयोग आंदोलन में भी हिस्सा लिया था.
शास्त्री जी ने महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरणा ली थी.
शास्त्री जी ने इलाहाबाद में गांधीवादी आश्रम में रहकर अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की थी.
शास्त्री जी ने सादगी, देशभक्ति, और ईमानदारी से अपने जीवन को जीया लाल बहादुर शास्त्री की नीतियों को आगे बढ़ाने का काम अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. शास्त्री जी के 'जय जवान, जय किसान' के नारे को आज भी देश के लिए प्रेरणा माना जाता है. इस नारे को आगे बढ़ाते हुए, अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें 'जय विज्ञान' जोड़ दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अमृत काल के लिए अब 'जय अनुसंधान' भी जोड़ना होगा. लाल बहादुर शास्त्री के बारे में कुछ और बातें: शास्त्री जी एक सामान्य परिवार से थे और जब वे देश के प्रधानमंत्री बने, तब भी वे सामान्य रहे. शास्त्री जी ने 12 हज़ार रुपये की कार के लिए 5 हज़ार रुपये का लोन लिया था. शास्त्री जी के जन्मदिन को शास्त्री जयंती और निधन दिवस को लाल बहादुर शास्त्री स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है.