कैलाश मानसरोवर की मुक्ति व तिब्बत की स्वतंत्रता को लेकर तीन दिवसीय शिवभक्त महाकुम्भ का हुआ समापन
कैलाश मानसरोवर की मुक्ति व तिब्बत की स्वतंत्रता को लेकर तीन दिवसीय शिवभक्त महाकुम्भ का हुआ समापन
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
मनीषा सूरी/पीयूष सूरी
हरिद्वार।शिवधाम कैलाश मानसरोवर तिब्बत फ्रीडम एसोसिएशन का त्रिदिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन नई दिल्ली में अनेक विषयों पर सार्थक चर्चा के बाद सम्पन्न हो गया। कार्यक्रम का उदघाटन 13 सितम्बर की सायं प्रसिद्ध रामकथा वाचक शान्तनु महाराज की शौर्य गाथा की कथा से प्रारम्भ हुआ। संगठन के मार्गदर्शक शान्तनु महाराज ने भारतीय शूरवीरों के यशोगान की गाथा से देश के विभिन्न प्रान्तों और विदेशों से आये कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। उन्होंने कहा कि हमें आजादी के बाद भारतीय बलिदानियों के इतिहास से दूर रखा गया। जबरन मुगलों का इतिहास भारतीयों को पढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा नीति को वामपंथियों के हवाले कर कांग्रेसनीत सरकारों ने छिन्न भिन्न करने का षड़यंत्र किया,जिस पर वह काफी हद तक सफल भी हो गए।शान्तनु जी महाराज ने वर्तमान भारतीय शिक्षा नीति को सही ठहराते हुए कहा कि बड़े वर्षों बाद शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है। कार्यक्रम के दूसरे दिन का उदघाटन द्वारका के वैलकम आईटीसी होटल में हुआ। विश्वभर से आये 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।तीसरे दिन समापन समारोह के मुख्यातिथि भारत के प्रसिद्ध रक्षा विशेषज्ञ तथा संगठन के संरक्षक मेजर जनरल जी डी बख्शी ने कहा कि तिब्बत की आज़ादी और कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए हो रहे इस शंखनाद की गूंज भारत के गांव गांव तक पहुंचेगी। इस आंदोलन को मजबूत मन से जुड़े लोगों की आवश्यकता इसलिए है कि यह विषय राम मंदिर आंदोलन की तरह घर गांव की हर चौखट तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि तिब्बत में रह रहे हमारे भाई बहिनों को मारापीटा जा रहा है,लगातार उन पर अत्याचारों का कहर जारी है। उन्होंने कहा कि वहाँ के डीएनए को जड़ से खत्म करने के लिए चायना हर तरह के हथकंडे अपना रहा है। भारतीय सीमाओं के आसपास सड़कें बनाकर चीन ने अपने मंसूबे स्पष्ट कर दिए हैं कि वह भारत के लिए भविष्य में बड़ी परेशानी खड़ी करने के उद्देश्य से काम कर रहा है। हमें हमेशा चीन से सतर्क रहने की आवश्यकता है। कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए मजबूत संकल्प की आवश्यकता है। नेपाल विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री जितेंद्र सिंह ने सङ्गठन के प्रयासों की भरपूर प्रसंशा करते हुए इस कार्य में हर प्रकार का आश्वासन उपस्थित कार्यकर्ताओं को दिया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसा प्रयास पहली बार किया जा रहा है,भविष्य में यह आंदोलन पूरे विश्व में जाना जाएगा।अधिवेशन में मार्गदर्शक शान्तनु महाराज ने संगठन के राष्ट्रीय संयोजक मानवेन्द्र सिंह की कार्यक्षमताओं को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने का प्रस्ताव रखा। सभी ने एक स्वर से इस प्रताव पर अपनी मुहर लगाई। अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित करने के बाद दुबई से आये डॉ आचार्य हरि दास गुप्त को अंतरराष्ट्रीय समन्वयक का दायित्व भी प्रदान किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष स्वामी सुशील गिरी महाराज ने कहा कि इस आन्दोलन को बहुत जल्दी लक्ष्य की प्राप्ति होगी, सनातन संस्कृति के लिए यह आंदोलन संजीवनी का काम करेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया के लोगों को सनातन संस्कृति समझ में आने लगी है। शिवधाम कैलाश मानसरोवर तिब्बत फ्रीडम एसोसिएशन में जुड़े हुए राष्ट्रभक्त युवाओं का नेतृत्व मिला है,युवा जोश जब किसी आंदोलन को धार देता है तब उसके परिणाम निश्चित ही सफल और आश्चर्यजनक होते हैं। अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद मानवेन्द्र सिंह मानव ने सभी कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट करते हुए कहा कि जो दायित्व कार्यकर्ताओं ने उन्हें सौंपा है उसके कर्तव्यों के निर्वहन के लिए उन्हें प्राणों की बाज़ी भी लगानी पड़े तो वह पीछे नहीं हटेंगे। उनका भरपूर समर्पण सङ्गठन के लिए रहेगा। उन्होंने कहा कि पूरे देशभर में एक महीने के भीतर इकाइयों के गठन का काम प्रान्तों में किया जाएगा। उसके बाद जिला स्तर की समितियां शीघ्र गठित कीं जाएंगी।
कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न प्रान्तों से आये कर्नल पूरन सिंह राठौर, प्रोफेसर विजय कॉल, डा बलवंत, प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह, अरविन्द केसरी, स्वामी गोविन्ददास जी महाराज, दुबई डॉ आचार्य हरिगुप्त, हॉन्ग कॉन्ग से कुलदीप अरोरा, डा अमिताभ कुमार, तिब्बत महिला एसोसिएशन की अध्यक्ष ताश लाम्हो, राजनैतिक विश्लेषक डॉ अविनाश कुमार सहित अनेक गणमान्य लोगों ने विचार साझा किए। कार्यक्रम का संचालन सुमित सिंह ने किया। समापन समारोह में अनेक कार्यकर्ताओं को सम्मानित भी किया गया। समारोह में झारखण्ड की पूर्व सूचना आयुक्त गंगोत्री कुजूर, सीए प्रवीण शर्मा, मौसमी दास, सूरज चौबे, डा सत्यम मणि, सौरभ सिंह, मनोज गहतोड़ी, आशीष सेमवाल, साधना चौधरी, सुमन सांगवान, सत्येन्द्र बरनवाल, डा सिद्धार्थ सोनकर, सौरभ राहुल सहित अनेक लोगों ने प्रतिभागिता की। धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय कार्यालय प्रभारी शुभम काशी ने किया।