ज्वैलर्स डकैती कांड में गिरफ्तार बदमाश से मिली वारदात की पूरी जानकारी
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पंकज राज चौहान
हरिद्वार। बालाजी ज्वैलर्स शोरूम पर दिनदहाड़े हुई डकैती के मामले में गिरफ्तार अमनदीप से पूछताछ में कईं महत्वपूर्ण जानकारियां निकलकर सामने आई हैं। डकैती की योजना बनाने से लेकर वारदात को अंजाम देने एवं उसके बाद फरार होने तक पूरी घटना का खुलासा करते हुए बदमाश द्वारा घटना में इस्तेमाल मोटरसाइकिल एवं स्कूटी बरामद कराई गई,जिनको गिरोह के सदस्यों द्वारा वारदात को अंजाम देने के तुरंत बाद भागने में इस्तेमाल किया गया था।
अमनदीप ने मोटरसाइकिल को रेगुलेटर पुल से थोड़ी दूरी पर नहर पटरी वाले मार्ग में गंगनहर के अंदर से बरामद कराया जिसको क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया,जबकि घटना में इस्तेमाल हुई स्कूटी को रेगुलेटर पुल से नहर पटरी वाले मार्ग में तकरीबन 200 मीटर आगे घनी झाड़ियों के बीच से पुलिस को बरामद कराया,जिसकी वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी मौके पर कराई गई है।
उल्लेखनीय है कि 1/9/24 को कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्रांतर्गत रानीपुर मोड़ के पास श्री बालाजी ज्वेलर्स में दिनदहाड़े समय लगभग 1:30 बजे हथियारबंद 5 बदमाशों द्वारा डकैती की घटना को अंजाम दिया गया था। इस संबंध में कोतवाली ज्वालापुर पर मु.अ.सं. 700/24 धारा 109, 310(2), 311 भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया था।
घटना की जानकारी मिलते ही एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर घटना का बारीकी से जायजा लेते हुए जहां एक तरफ दुकान स्वामी को ढांढस बंधाया गया तो वहीं एसपी सिटी को अलग अलग टीमें गठित कर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए थे। दिनदहाड़े हुई इस बड़ी घटना से जनपद हरिद्वार सहित पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई थी।
घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए 2/9/24 को पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र करण सिंह नगन्याल ने हरिद्वार पहुंचकर ज्वैलरी शोरूम मालिक से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली थी।
3/9/11 को पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार द्वारा हरिद्वार पहुंचकर सर्वप्रथम पुलिस अधिकारियों से घटना उपरांत प्रगति की जानकारी लेकर घटनास्थल का मौका मुआयना कर ज्वेलर्स शोरूम स्वामी से मुलाकात कर उन्हें उत्तराखंड पुलिस की तरफ से पूरा भरोसा दिलाया कि हम गंभीरता के साथ इस प्रकरण के खुलासे में लगे हैं और बदमाशों की धरपकड़ हेतु हमारे बेस्ट ऑफिसर्स की टीम दिन रात मेहनत कर रही है।
कैसे बनी डकैती की योजना ?
पुलिस पूछताछ में अमनदीप ने बताया कि अमन कांबोज,लक्की व सुभाष पिछले लगभग चार महीना से हरिद्वार में अलग-अलग ज्वेलर्स की दुकानों में रेकी कर डकैती की घटना करने की योजना बना रहे थे और श्री बालाजी ज्वैलर्स डकैती की घटना से लगभग चार दिन पहले हरिद्वार आकर बाइक स्कूटी में घूमकर इस दुकान की बेहद बारीकी से लगातार रेकी कर रहे थे।
किस प्रकार की दुकानों को करते थे टारगेट ?
आरोपी ऐसी दुकानों को टारगेट करते थे जिनमे गार्ड न हो या गार्ड बुजुर्ग हो या गार्ड के पास किसी भी प्रकार का कोई हथियार न हो जिससे इनको घटना करने में आसानी हो। साथ ही ऐसे समय पर घटना को अंजाम देते थे जब आवाजाही कम हो। इसलिए श्री बालाजी ज्वेलर्स में घटना करने के लिए रविवार का दिन चुना गया क्योंकि इस दिन और दिनों की अपेक्षाकृत भीड़ कम रहती है इसलिए पकड़े जाने के चांस भी कम थे।
मॉडस ऑपरेंडी क्या था ?
सबसे पहले पूरे जनपद में घूम घूम कर दुकान का चयन होता था। आने एवं जाने के सभी रास्तों को बारीकी से देखा जाता था। आरोपी घटना से पूर्व होटल/धर्मशाला में रुकने के लिए फर्जी आईडी का प्रयोग करने के साथ साथ फर्जी फोन नंबर दर्ज कराते थे व रेकी कर चिन्हित की गई शॉप में घुसकर दुकान कर्मचारियों का मोबाइल छीनकर,फायर करके एकदम दहशत फैलाकर हथियारों के बल पर डरा-धमकाकर लूट कर जाते समय मिर्च का स्प्रे मार देते थे,जिससे इनको भागने का टाइम मिल जाए। साथ ही लूट/डकैती में प्रयुक्त वाहनों को कुछ आगे ले जाकर नहर या झाड़ी या गुमनाम जगह में डालकर भागने के लिए दूसरे वाहन (इस मामले में कार) का प्रयोग करते थे।
टोल से बचकर भागने की प्लानिंग क्या थी ?
घटना के बाद अपनी गाड़ियों एवं रास्तों की ट्रैकिंग की पहचान छुपाने के लिए रास्ते में पडने वाले अलग-अलग टोल के सीसीटीवी से बचकर फरार हो जाते थे। यह कभी भी मुख्य मार्ग का इस्तेमाल नहीं करते थे गांव देहात के पगडंडियों व कच्चे रास्तों का भी इस्तेमाल करते थे ताकि कैमरे की नजर में ना आ सकें और पुलिस इनको ट्रैक करके किसी भी फाइनल नतीजे पर ना पहुंच सके लेकिन इनकी सभी चालाकी हरिद्वार पुलिस के आगे फेल हो गई।
किन-किन प्रदेशों में दे चुके थे घटनाओं को अंजाम ?
आरोपी पूर्व में उत्तराखंड व हिमांचल में लूट/डकैती की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं एवं इनका मुखिया सुभाष का "कराटे गैंग" हरियाणा, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में भी कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है। कई राज्यों की पुलिस द्वारा सुभाष उपरोक्त की तलाश जारी है।
अमन कांबोज, लक्की व सुभाष ने कुछ समय पूर्व ऊना हिमाचल प्रदेश में मुथुट गोल्ड फाइनेंस में भी लूट का प्रयास किया था जहां ये सायरन बजने की वजह से पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाए लेकिन कर्मचारियों का मोबाइल छीनकर और फायर करके मौके से भाग गए थे।
अमनदीप ने बताया कि मुख्य अभियुक्त सुभाष द्वारा घटना में शामिल होने पर उसे ₹50000 दिए गए थे।
पुलिस द्वारा अब तक इस घटना में शामिल गुरदीप सिंह उर्फ मोनी पुत्र बूटा सिंह निवासी श्री मूसा साहब बूढ़ा गुर्जर रोड मेंमां सिंह बस्ती थाना सिटी मुक्तसर पंजाब,जयदीप सिंह उर्फ माना पुत्र धर्मेंद्र सिंह उर्फ राजू निवासी मूसा साहिब गुर्जर रोड मेंमासिंह बस्ती थाना सिटी मुक्तसर जिला मुक्तसर पंजाब तथा अमनदीप सिंह पुत्र कश्मीरी लाल निवासी ग्राम पिन्डी थाना गुरु हरसहाई जिला फिरोजपुर पंजाब को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि सतेंद्र पाल उर्फ लक्की पुत्र राजपाल सिंह निवासी मुक्तसर पंजाब उम्र करीब 32 वर्ष को पुलिस मुठभेड़ में ढ़ेर कर चुकी है। इसके अतिरिक्त वारदात में शामिल सुभाष निवासी दिल्ली अब तक फरार है,जिसकी पुलिस द्वारा सरगर्मी से तलाश की जा रही है।