श्रीमद् भागवत कथा को सुनने मात्र से धन्य हो जाता है जीवन : स्वामी जियानंद महाराज
पीयूष चौहान/ दीपक चौहान
हरिद्वार : समस्त गुजराती सेवको द्वारा माधवानंद आश्रम कनखल हरिद्वार में पित्रो की शांति पाठ एवं कोरोना में मृतक हुए गुजरात के लोगो को आत्म की शांति के लिए महायज्ञ श्रीमद्भागवत साप्ताहिक कथा का आयोजन जारी है। कथा के छटे दिन जियानंद महाराज ने कहा कि भागवत सुनने से सुख व मुक्ति की प्राप्ति होती है। पितरों को प्रसन्न करने का सरल उपाय श्रीमद् भागवत की कथा है। पितरों के निमित श्रीमद्भागवत कथा कराने पर संतान व संपत्ति अभाव नष्ट हो जाता है व मुक्ति की प्राप्ति होती है। जब राजा परीक्षित को शाप लगा तो सुखदेव ने उसे भागवत कथा ही सुनाई और राजा परीक्षित की मुक्ति हुई। जब हमारे अनेक जन्मों के पूर्ण उदय होते हैं। तब हमें कथा सुनने को मिल पाती है। अपने लिए जीने वाला व्यक्ति कभी न तो कथा कर पाता है न सुन पाता है। जब मनुष्य के सब कर्मों का बीज बढ़कर वृक्ष हो जाता है उसके अंदर वृद्धा भक्ति वह प्रेम दिखाई देने लगती है। तब श्रीमद् भागवत कथा सुनने का प्राप्त हो पाती है। सबसे तेज प्रधान टाइम्स से बात करते हुए जियानंद महाराज ने बताया कि इस साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा का योजन कुछ समय पहले कोरोना में गुजरात के एक ही गांव के सैकड़ों लोगों की मृत्यु होने पर उनकी आत्मा को शांति के लिए किया जा रहा है इसमें प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते है कथा सुनते है और प्रसाद रूपी भोजन ग्रहण करते है। इस कार्यक्रम में सभी गुजराती सेवको का योगदान है।