सिद्ध पीठ जीण माता की कहानी
सिद्ध पीठ जीण माता की कहानी
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गौरव अग्रवाल
जीण माता का असली नाम जयंती देवी है चौहान परिवार में इनका जन्म हुआ भाई से बेहद प्यार था लेकिन किसी बात को लेकर रूट कर राजस्थान के जयपुर के पास गांव में आ गई पीछे-पीछे इनका भाई हर्षनाथ भैरवी वहां पहुंच गया काफी मनाने के बाद भी वह घर वापस नहीं गई और ना ही इनका भाई वापस गया जीण माता के मंदिर में जो पूरी श्रद्धा से अर्जी लगाता है उसकी इच्छा पूरी होती है यह 51 शक्ति पीठ में से एक है यहां दर्शन के लिए राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति बड़े-बड़े उद्योगपति पहुंचते हैं मंदिर को ध्वस्त करने के लिए औरंगजेब ने मंदिर पर हमला किया लेकिन उन पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया मधुमक्खियों से पीछा छुड़ाने का जब तरीका पूछा गया तब उनको बताया गया कि माता की ज्योत जलाने से ही उनसे पीछा छूट सकता है तभी से वहां पर माता की जोत प्रचलित है और उनको खाली हाथ लौटना पड़ा। वही स्थान जीण माता का है और ऊपर चोटी पर हर्ष नाथ भरवी का स्थान है