दिया जलाने का महत्व,पूजा में क्यों जलाया जाता है दीपक,इसका धार्मिक और वैज्ञानिक कारण
दिया जलाने का महत्व,पूजा में क्यों जलाया जाता है दीपक,इसका धार्मिक और वैज्ञानिक कारण
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल ।भारत में दीपक का इतिहास शदीयों वर्ष से भी ज्यादा पुराना हैं,अग्नि का प्राचीनकाल से ही हर धर्म में महत्व है,वेदों में अग्नि को प्रत्यक्ष देवतास्वरूप माना गया है,इसलिए हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान के सामने दीपक जलाया जाता है,दीपक ज्ञान और रोशनी का प्रतीक है,दीपक को सकारात्मकता का प्रतीक व दरिद्रता को दूर करने वाला माना जाता है, दीपक जलाने का कारण यह है कि हम अज्ञान का अंधकार मिटाकर अपने जीवन में ज्ञान के प्रकाश के लिए पुरुषार्थ करें. आज आपको /ज्योतिषाचार्य अजय कृष्ण कोठारी/ दीपक के महत्व पर बता रहे हैं.
हिन्दू धर्म में अग्नि को प्रमुख देव माना गया है,पूजा अर्चना के समय या किसी भी धार्मिक कार्य के समय पर घी या तेल के दीपक के जरिए प्राथमिक रूप से अग्नि को प्रज्वल्लित किया जाता है,दीपक के रूप में इस अग्नि को अग्नि देव मानकर अपने आराध्य देव की आराधना की जाती है और इसके साथ ही दीपक प्रकाश का प्रतीक भी है,दीपक आपके घर से आपके मन से आपके परिवार से हर प्रकार के अंधकार को दूर कर प्रकाश की ओर अग्रसर करता है.
घी के दीपक या तेल के दीपक से वातावरण शुद्ध बन जाता है,आस-पास के वातावरण से हानिकारक कीटाणु दूर रहते है,घर से नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव दूर होता है,हर प्रकार से सकारात्मक उर्जा का संचार होता है,साथ ही दीपक के माध्यम से हम अपने आराध्य देव के प्रति भक्ति, श्रद्धा और पूजा भाव को भी प्रकट करते है.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से घी और तेल के दीपक में रोगों को दूर करने की ऊर्जा होती है,मानसिक विकृतियां भी दूर होती है,घी में त्वचा संबधी रोग दूर करने की शक्ति होती है,सरसों के तेल के दीपक की लौं से निकलने वाला धुआं अस्थमा रोगियों के लिए लाभदायक होता है.
इस प्रकार घर या मंदिर में पूजा के समय दीपक जलाने से देव कृपा तो प्राप्त होती ही है साथ में घर से रोगदोष दूर होते है घर का वातावरण सुगन्धित व शुद्ध बन जाता है,पूरे घर के वातावरण में सकारात्मक उर्जा का संचार होने लगता है.
विषम संख्या में दीप प्रज्जवलित करें - पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दिये हमेशा विषम संख्या में प्रज्वलित करने चाहिए जैसे 3, 5, 7 या 9 इसी तरह से. गाय के घी का दिया जलाना सबसे शुभ माना जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में लक्ष्मी का आगमन होता है. कुछ लोग पूजा में तिल के तेल इस्तेमाल करते हैं
-पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अगर आप घी का दिया जलाने वाले हैं तो आपको रुई की बत्ती का इस्तेमाल करना चाहिए. लेकिन यदि आप तेल का दिया जलाते हैं तो आपको लाल धागे से बनी हुई बत्ती का इस्तेमाल करना चाहिए.
-घी का दिया प्रज्जवलित करते समय इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि दिया आपके बाएं हाथ की तरफ हो और यदि तेल का दिया जलाने वाले हैं तो इस दिये को हाथ के दाईं तरफ रखें.!!शुभ मंगलमय हो भगवान केदारनाथ प्रभो की कृपा बनी रहें। आचार्य अजय कृष्ण कोठारी श्रीमद्भागवत कथा वक्ता ज्योर्तिविद/ग्राम कोठियाडा़,पो.ओ-बरसीर, रुद्रप्रयाग {श्री कोटेश्वर शक्ति वैदिक भागवत पीठ एवं ज्योतिष संस्थान्}उत्तराखंड