गौरव सेनानी उत्तराखण्ड द्वारा 19-20 फरवरी2023 को वन रैंक वन पेंशन विसंगतियों हेतु दिल्ली जंतर मंतर में प्रर्दशन
गौरव सेनानी उत्तराखण्ड द्वारा 19-20 फरवरी2023 को वन रैंक वन पेंशन विसंगतियों हेतु दिल्ली जंतर मंतर में प्रर्दशन
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल ।उत्तराखंड से गौरव सेनानी महेंद्र पाल सिंह रावत ने कहा कि विगत दिनों से मैं वन रैंक वन पेंशन दो के विषय में जानने की कोशिश कर रहा था की पूर्व सैनिकों को इस वन रैंक वन पेंशन के माध्यम से कितना लाभ एवं नुकसान हुआ मित्रों मुझे यह बताते हुए बड़ी पीड़ा हो रही है कि जिन अधिकारियों के माध्यम से अन्य पदों ने पेंशन विसंगतियों को दूर करने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी थी उन अधिकारियों के द्वारा अन्य पदों को धोखा देने का काम किया है उनके द्वारा सही ढंग से अन्य पदों की वेतन विसंगतियों को सरकार के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया था उन्होंने अपनी फाइल सही तरह से सरकार को प्रस्तुत की लेकिन अन्य पदों की फाइल को ढंग से प्रस्तुत नहीं किया है इसलिए वन रैंक वन पेंशन भाग 2 पूरी तरह से अन्य पदों की आकांक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है एवं अन्य पदों की पेंशन वेतन विसंगतियों जस की तस बनी हुई है इस संदर्भ में मैं कुछ आंकड़े प्रस्तुत करना चाहता हूं डीईएसडब्लू के द्वारा जो आंकड़े वन टेबल 7 मैं ग्रुप Y के लिए आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं वह सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बिल्कुल उलट है क्योंकि उस वेतनमान में सभी के पेंशन को अधिकतर (Max) दरो मे संशोधित किया गया था वही वन रैंक वन पेंशन भाग-2 के अंतर्गत इसे न्यूनतम दरों (Min)में स्थापित किया गया है.
उदाहरण :-सिपाही (एसीपी2) 17 साल सर्बिस सेना से सेवानिबृति साल 2019 पीपीओ के अनुसार:-
बेसिक पे 37000.00
एमएसपी 5000.00
क्लास पे 450.00
42450.00 का (1/2) =21225.00 नेट पेशन थी लेकिन वन रैंक पेंशन भाग 1 मे इनकी पेशन को 17130 मैं फिक्स कर दिया गया कर दिया गया और वन रैंक वन पेंशन 2 मे इसे 18807 कर दिया है अर्थात जिस सिपाही की पेंशन सातवें वेतन आयोग के संशोधन के बेसिक पेंशन 21325 थी उसको वन रैंक वन पेंशन भाग 2 में 18807 कर दिया है अर्थात उसको (21325-18807) = 2418 रुपए का नुकसान हो रहा है इसी तरह जो हवलदार सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत 24 साल सर्विस के बाद पेंशन आया है उसको वर्तमान में 1368 रुपए का नुकसान हो रहा है इसी प्रकार अन्य पदों को भी
1800 से 3500 मूलभूत नुकसान हो रहा है इसी डी ई एस डब्लू के टेबल 7 के अनुसार निम्न पदों को न्यूनतम वेतनमान पर स्थापित कर दिया गया है जिससे इनकी पेंशन विसंगतियां ऋणआत्मक दर पर गई है :-
*क) ना,सु 26 साल*
26741-24825 =1916(-)
*ख) सुवेदार 28 साल* 31529-29700=1819(-)
सुवेदार 30 साल 32614-31000=1614(-)
*ग) सुवेदार मेजर30 साल*
33526-31625=1901(-)
*ध)ह/लै 28-32 साल*
41352-41200=152(-)
*ड)ह/कै 30-32 साल*
43716-42500=1216(-)
इसी प्रकार विधवा पेंशन एवं डिसेबिलिटी पेंशन में भी अधिकारियों और अन्य पदों के पेंशन वेतनमान में ऋण आत्मक वृद्धि देखने को मिली है इसका मूल कारण सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत सरकार द्वारा पेंशन संशोधन में अधिकारियों को 2.81 के अनुसार पेंसिल संशोधित की गई वहीं दूसरी ओर अन्य पदों को 2.57 के अनुसार पेंशन संशोधित की गई उपरोक्त तथ्यों को मध्य नजर रखते हुए मेरा समस्त गौरव सेनानियों से विनम्र अपील है कि आप अपने स्तर से वेतनमान पेंशन विसंगति को सरकार तक पहुंचाने में अपनी एकता का प्रदर्शन करने के लिए 19- 20 फरवरी 2023 को जंतर-मंतर पहुंचने का कष्ट कर सैनिक एकता को प्रदर्शित करने का कष्ट करें तथा अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाने में जोरदार पहल करें क्योंकि अगर अधिकारियों वर्ग पेंशन संशोधन अगर प्राप्त हो जाता है तो अन्य रैंक इससे वंचित हो जाएंगे