कमल का फूल, जानिए क्यों है हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण, कमल के फूल का ब्रह्मा व ब्रह्मांड से है खास संबंध
कमल का फूल, जानिए क्यों है हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण, कमल के फूल का ब्रह्मा व ब्रह्मांड से है खास संबंध
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल ।आज आपको कमल का फूल जल से उत्पन्न होकर कीचड़ में खिलता है परंतु वह दोनों से निर्लिप्त रहकर पवित्र जीवन जीने की प्रेरणा देता है,मतलब यह कि बुराइयों के बीच भी रहकर व्यक्ति अपनी मौलिकता और पवित्रता को बरकरार रखता है,कहते हैं कि कमल के फूल की ही तरह सृष्टि और इस ब्रह्मांड की रचना हुई है और यह ब्रह्मांड इसी फूल की तरह है.आज आपको /ज्योतिषाचार्य अजय कृष्ण कोठारी/ कमल पुष्प महत्व के विषय में बता रहे हैं.
कमल को पवित्र, पूजनीय एवं सुंदरता, सद्भावना, शांति-समृद्धि व बुराइयों से मुक्ति का प्रतीक माना जाता है,कमल का फूल ऐश्वर्य तथा सुख का सूचक भी है,यही कारण है कि कमल को पुष्पराज की संज्ञा भी दी गई है.
कमल का फूल ब्रह्मा जी को काफी प्रिय है और स्वयं ब्रह्मा जी कमल पर ही विराजमान होते है,केवल ब्रह्मा जी ही नहीं अपितु ज्ञान की देवी माँ सरस्वती और धन की देवी और विष्णुप्रिया माँ लक्ष्मी भी कमल के फूल पर ही सुशोभित होती है.शास्त्रों के अनुसार कमल के फूल की ही तरह सृष्टि और इस ब्रह्मांड की रचना हुई है,और यह ब्रह्मांड इसी फूल की ही तरह माना जाता है,सनातन धर्म में होने वाले अनेक प्रकार के यज्ञों व अनुष्ठानों में कमल के पुष्पों को निश्चित संख्या में चढ़ाने का विधान है,ज्योतिषी मानते हैं कि कमल के फूल को धारण करने से शरीर शीतल रहता है, फोड़े-फुंसी आदि शांत होते हैं तथा शरीर पर विष का कुप्रभाव कम होता है,इसके अलावा बौद्ध धर्म के ललित विस्तार ग्रंथ में कमल को अष्टमंगल कहा गया है,इसके अलावा भी कमल के फूल का का कई महत्व है,अगर आप गौर करें तो पाएंगे कि कमल के पौधे के प्रत्येक भाग के अलग-अलग नाम हैं और उसका प्रत्येक भाग चिकित्सा में उपयोगी होता है, कमल के भिन्न-भिन्न भागों से अनेक आयुर्वेदिक, एलोपैथिक और यूनानी औषधियाँ बनाई जाती हैं,चीन और मलाया के निवासी भी कमल को औषधि के रूप में उपयोग करते हैं.
कमल का फूल - कमल को पद्म, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, कंज, राजीव, अरविन्द, शतदल, अम्बुज, सरसिज, नलिन, पुष्कर, और पुण्डरीक आदि नामों से जाना जाता है। हिन्दू धर्म या सनातन धर्म में नवजात बच्चों का नाम इनमें से अधिकांश नामों पर रखा जाता है.
कमल के प्रकार और अन्य उपयोग - लेकिन क्या आप जानते है की कमल के फूल के दो प्रकार होते है? जी हां कमल के फूल का पहला प्रकार है पहला है नीलकमल और दूसरा कुमुदिनी.!!शुभ मंगलमय हो भगवान केदारनाथ प्रभो की कृपा बनी रहें। आचार्य अजय कृष्ण कोठारी श्रीमद्भागवत कथा वक्ता ज्योर्तिविद/ग्राम कोठियाडा़,पो.ओ-बरसीर, रुद्रप्रयाग {श्री कोटेश्वर शक्ति वैदिक भागवत पीठ एवं ज्योतिष संस्थान्}उत्तराखंड