16/17 फरवरी को बिना सांस्कृतिक संध्या के आयोजित होगा टिहरी महोत्सव, मेले को मिला राजकीय दर्जा
विरेन्द्र वर्मा
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
टिहरी / टिहरी झील महोत्सव को लेकर बसंत पंचमी पर होने वाले टिहरी झील महोत्सव पर छाए संशय के बादल हट गये हैं जोशीमठ के रैणी क्षेत्र में आई आपदा के कारण अभी तक इस पर उहापोह की स्थिति बनी हुई थी।उत्तराखंड में इस मेगा इवेंट को लेकर सीएम आवास में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के साथ टिहरी के प्रभारी मंत्री डॉ० धन सिंह रावत और टिहरी के विधायक डॉ धन सिंह नेगी की मौजूदगी में हुई हाई लेवल मंथन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बगैर टिहरी झील महोत्सव के आयोजन को हरी झंडी दिखा दी गई है।टिहरी विधायक डॉ धनसिंह नेगी ने बताया कि चमोली आपदा के कारण इस बार टिहरी झील महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगें महोत्सव में चमोली आपदा के मृतकों की आत्मा की शांति को भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा ।16 और 17 फरवरी को होने जा रहे टिहरी झील महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री रावत के कर कमलों द्वारा होगा, मुख्यमंत्री स्वयं देव डोली दर्शन में मौजूद रहेंगे।महोत्सव में सेना ,अर्धसैनिक बलों और आईटीबीपी की साहित्यिक जल क्रीड़ा का आयोजन होगा जिसमें सभी अपने अपने तरीके से करतब दिखाएंगे। डॉ० नेगी ने बताया कि टिहरी झील महोत्सव को राजकीय मेला का दर्जा मिल गया है। इसका नोटिफिकेशन जारी हो गया है। अब हर साल बसंत पंचमी के अवसर पर इस मेले का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि चमोली आपदा से पूरा राज्य दुखी है। ग्लेशियरफटने की सूचना मिलते ही टिहरी बांध से जल निकासी रोक दी गई थी ताकि श्रीनगर बांध को खाली कर सकें ऋषिकेश और हरिद्वार में अलर्ट जारी होने के बावजूद टिहरी बांध के कारण चमोली ग्लेशियर फटने से उपजे खतरे को नियंत्रित किया जा सका। इस बार फिर उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों और साहसिक जल क्रीड़ा के प्रतिभागियों व दर्शकों के लिए टिहरी झील महोत्सव आदर्श डेस्टिनेशन साबित होगा। इस बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ टिहरी के प्रभारी मंत्री डॉ० धन सिंह रावत, टिहरी विधायक डॉ०धन सिंह नेगी के साथ ओबीसी आयोग के उपाध्यक्ष संजय नेगी व अधिकारी गण मौजूद रहे।