ग्रामीणों ने जंगली जानवरों से सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग की।
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जॉन मसीह
रामनग।ग्राम कानियां सहित आधा दर्जन ग्रामीण क्षेत्रों में बाघ के आतंक से निजात दिलाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जुलूस प्रदर्शन के माध्यम से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कार्यालय पहुंचकर हंगामेदार धरना प्रदर्शन किया और जंगली जानवरों से सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग की।गुरुवार को विभिन्न क्षेत्रों के ग्रामीणों ने कानियां चौराहे से जुलूस निकालते हुए कॉर्बेट पार्क प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कार्यालय पहुंचकर हंगामेदार सभा की ओर पार्क प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए ग्रामीणों का कहना था कि 15 दिन पूर्व इसी कानिया गांव की रहने वाली कमला देवी नाम की महिला को बाघ ने अपना शिकार बना दिया था घटना के बाद से बाघ लगातार गांव में दिखाई देने से ग्रामीण दहशत में है और इसके कारण महिलाएं जंगल भी लकड़ी व घास लेने नहीं जा रही है ग्रामीणों का कहना था कि घटना के दिन ग्रामीणों के हंगामे के बाद मौके पर पहुंचे।पार्क के अधिकारियों ने गांव में बाघ के आतंक को लेकर ग्रामीणों से जंगल में न जाने की अपील करते हुए ग्रामीणों को लकड़ी व घास उपलब्ध कराए जाने के साथ ही बाघ को पकड़े जाने की बात कही थी ग्रामीणों ने कहा कि पार्क प्रशासन के अधिकारी अपने आश्वासन को भूल गए हैं ना तो उन्हें आज तक लकड़ी और घास उपलब्ध कराई गई है और ना ही बाघ को पकड़ा गया है उन्होंने कहा कि यदि पार्क प्रशासन ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।वही मामले में कॉर्बेट नेशनल पार्क के निदेशक राहुल ने बताया कि जिस क्षेत्र में यह घटना घटी है वहां पिंजरे और कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं। कैमरे में बाघिन की दो बच्चों के साथ तस्वीरें कैद हुई है उन्होंने कहा कि ऐसे में ट्रेंकुलाइज किया जाना खतरे से खाली नहीं है लेकिन तब भी विभाग द्वारा इस मामले में कार्रवाई की जा रही है और ग्रामीणों को लकड़ी व घास उपलब्ध कराए जाने को लेकर अधिकारियों से भी वार्ता की जा रही है। इस दौरान महेश जोशी, पीसी जोशी, ललित उप्रेती, प्रभात ध्यानी, मनमोहन अग्रवाल, ललिता रावत ,तुलसी जोशी , मुनीष कुमार, एमआर टम्टा, रमेश चंद्र मठपाल, सरस्वती जोशी, नीमा आर्य, शांति देवी, अनीता देवी, कमला रावत, तुलसी छिम्वाल,ममता आर्या आदि मौजूद रहे।